सब प्राणियों के मत्त्म्न्नोम्मयूर अहा नाच रहा which Alankar is this
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सवाल में दी गई पंक्ति में ग्रामर की नजर से थोड़ी गलती है, सही पंक्ति इस प्रकार होगी...
‘सब प्राणियों के मत्त मनोमयूर अहा नचा रहा।’ इस पंक्ति में रूपक अलंकार प्रकट हो रहा है।
Explanation:
रूपक अलंकार वहाँ पर प्रकट होता है। जहाँ उपमेय और उपमान में कोई भेद ना दिखाई देता हो यानी जहाँ पर उपमेय और उपमान के बीच के अंतर को समाप्त करके उसे एक कर दिया जाता है, वहाँ पर रूपक अलंकार की प्रतीति होती है। यहाँ पर मन और मयूर के बीच में अंतर समाप्त कर उनको एक कर दिया गया है, इसलिए यहां पर रूपक अलंकार की प्रतीति हो रही है।
किसी काव्य के सौंदर्य को बढ़ाने वाले शब्दों को अलंकार कहते हैं।
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Answer:
roopak alankar roopak mat ke anusar mayur (mpr) nach raha he
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