sab Saanson ki sans me kaun sa Alankar hai
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"सब साँसों की सांस "में अनुप्रयाश अलंकार है।
क्योंकि यहाँ वर्णों की आवृत्ति हो रही है
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Answer:
इसमें वृत्यानुप्रास अलंकार का प्रयोग हुआ है .
Explanation:
जब एक व्यंजन की आवृति अनेको बार हो उसे वृत्यानुप्रास अलंकार कहते है.
वृत्यानुप्रास अलंकार अनुप्रास अलंकार का भेद है| अनुप्रास अलंकार 5 प्रकार के होते है|
उदाहरण.-1. मुद्दत महीपत मंदिर आए
सेवक सचिव सुमंत बुलाए
व्याख्या :- जैसा की आपने इस Vratyanupras Alankar के Example के माध्यम से देखा की ‘म‘ तथा ‘स‘ वर्ण व्यंजन एक से अनेक बार अर्थात 3 बार आवृत्ति हुई है|
उदाहरण.-2. घनन घनन घिर घिर आए बदरा
घनघोर कारी छाई घटा
व्याख्या :- वृत्यनुप्रास अलंकार के इस उदाहरण में ‘घ‘ तथा ‘न‘ वर्ण व्यंजन की अनेक बार आवृत्ति हुई है|
उदाहरण.-3 सेस महेस गनेस दिनेस सुरेसहु जाहि निरंतर गावैं।
व्याख्या :- ‘श’ वर्ण व्यंजन की 3-4 बार आवृत्ति |
उदाहरण.- 4. चांदनी चमेली चारुचंद्र सुंदर है|
व्याख्या :- इस वृत्यानुप्रास अलंकार के इस Example में ‘च’ वर्ण व्यंजन की 4 बार आवृत्ति |
उदाहरण. 5.चारु चंद्र की चंचल किरणें
व्याख्या :-यहां पर च की आवृत्ति तीन बार हुई है ,इससे स्पष्ट होता है कि यह व्रत्या अनुप्रास अलंकार है
अर्थात जब एक व्यंजन की आवर्ती अनेक बार हो उसे वृत्यानुप्रास अलंकार कहते हैं