Hindi, asked by guptaabhinash2011, 9 months ago

सब धरती कागद करौं, लेखनि सब बनराय । सात समंद की मसि करौं गुरु गुन लिखा न जाय कबीर​

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Answered by shishir303
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सब धरती कागद करौं, लेखनि सब बनराय ।

सात समंद की मसि करौं गुरु गुन लिखा न जाय।

भावार्थ : कबीर दास इन अपने दोहों की इन पंक्तियों के माध्यम से गुरु के महिमा का बखान करते हुए कहते हैं कि इस पूरी पृथ्वी को कागज बना लिया जाए। पृथ्वी पर जितने भी वन हैं, उनकी लकड़ी से लेखनी बना ली जाए। पृथ्वी पर सात समुंदर के पानी से स्याही बना ली जाए। फिर उस लेखनी और स्याही से पृथ्वी रूपी कागज पर अगर गुरु के गुण लिखे जाएं तो भी ये धरती कम पड़ जायेगी अर्थात गुरु के गुण इतने महान है, इतनी अधिक है कि उनके लिए पूरी पृथ्वी भी कम पड़ जाएगी।

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