सब उन्नतियों का मूल धर्म है। इससे सबसे पहले धर्म की ही उन्नति करनी उचित है। देखो अंगरेजों की धर्मनीति राजनीति परस्पर मिली हैं इससे उनकी दिन दिन कैसी उन्नति है। उनको जाने दो, अपने ही यहाँ देखो। तुम्हारे यहाँ धर्म की आड़ में नाना प्रकार की नीति समाज-गठन, वैद्यक आदि भरे हुए हैं। दो एक मिसाल सुनो। यहीं तुम्हारा बलिया का मेला और यहाँ स्थान क्यों बनाया गया है। जिसमें जो लोग कभी आपस में नहीं मिलते दस-दस पाँच-पाँच कोस से वे लोग एक जगह एकत्र होकर आपस में मिलें। एक दूसरे का दुःख-सुख जानें। गृहस्थी के काम की वह चीजें जो गाँव में नहीं मिलतीं यहाँ से ले जायें। एकादशी का व्रत क्यों रखा है? जिसमें महीने में दो एक उपवास से शरीर शुद्ध हो जाय। गंगा जी नहाने जाते हैं तो पहले पानी सिर पर चढ़ाकर तब पैर पर डालने का विधान क्यों है? जिसमें तलुए से गरमी सिर में चढ़कर विकार न उत्पन्न करे। दीवाली इस हेतु है कि इसी बहाने साल भर में एक बेर तो सफाई हो जाये। होली इसी हेतु है कि वसंत की बिगड़ी हवा स्थान- स्थान पर अग्नि जलने से स्वच्छ हो जाय। यही तिहवार ही तुम्हारी म्युनिसिपालिटी है। (i) उपर्युक्त गद्यांश के पाठ एवं लेखक का नाम लिखिए। (i) प्रस्तुत गद्यांश के रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए। (ii) लेखक ने सभी उन्नतियों का मूल किसे बताया है ? (iv) लेखक ने अंग्रेजों की उन्नति का क्या कारण बताया है ? (v) 'यही तिहवार ही तुम्हारी म्युनिसिपालिटी है' इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
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दिए गए गद्यांश में प्रश्नों के उत्तर निम्नलिखित हैं।
- (i) उपर्युक्त गद्यांश के पाठ एवं लेखक का नाम लिखिए।
उपुर्युक्त गद्यांश के पाठ का नाम है,
" भारतवर्षोंन्नति कैसे हो सकती है?
पाठ के लेखक है भारतेंदु हरिश्चंद्र ।
- (ii) लेखक ने सभी उन्नतियों का मूल किसे बताया है ?
लेखक ने सभी उन्नतियो का मूल धर्म को
बताया है।
- (iv) लेखक ने अंग्रेजों की उन्नति का क्या कारण बताया है ?
अंग्रेजो की राजनीति व धर्म नीति को
परस्पर मिली होना अंग्रेजो की उन्नति का
कारण बताया है।
- (v) 'यही तिहवार ही तुम्हारी म्युनिसिपालिटी है' इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
लेखक कहते है कि भारत वर्ष में धर्म की आड़
में विभिन्न नीतियां तथा गठन भरे पड़े है।
लेखक कहते है कि हम एकादशी का व्रत
रखते है इस बहाने हमारे शरीर के अंदर की
सफाई हो जाती है।
- हम दिवाली मानते है , इस बहाने घर की सफाई हो जाती है।
लेखक कहते है कि ये त्यौहार नगपलिका का
काम करते है, जिससे वातावरण शुद्ध हो
जाता है तथा शरीर की सफाई भी हो जाती है।
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