सब वेद पढ़ें, सुविचार बढ़े
बल पाय चढ़ें नित ऊपर को।
अविरुद्ध रहें, ऋजु पंथ गहें
परिवार कहें, वसुधा भर को ॥1॥
ध्रुव धर्म धरें, पर दुख हरें,
तन त्याग तरें भवसागर को।
दिन फेर पिता, वर दे सविता,
हम आर्य करें, जगती भर को॥2॥
ऊपर कब और कैसे चढ़ा जा सकता है ?
Answers
Answered by
2
Answer:
जब धुव्र धम धरें, पर दुख हरेंद्र तन त्याग तरें भवसागर को। बल पाय से ऊपर चढ़ा जा सकते है ।
Similar questions