Hindi, asked by BrainlyHelper, 1 year ago

सभी कुछ गीत है, अगीत कुछ नहीं होता। कुछ अगीत भी होता है क्या? स्पष्ट कीजिए।

Answers

Answered by nikitasingh79
13

उत्तर :

यदि मन की कोमल भावनाओं को गाकर मधुर स्वर में प्रकट करना गीत है तो मन करे कोमल भाव अगीत है जो मन में छिपे रहते हैं। वे मुखर नहीं होते, मौन रह जाते हैं। यदि गीत है तो वे अगीत के कारण से हैं। मन में छिपे सभी को कोमल- कठोर भाव अगीत ही तो है जो शब्दों का रूप नहीं ले पाते। यदि अगीत न हो तो गीत नहीं बन सकते। गीत तो अगीत के ही शाब्दिक रूप है। इस संसार के हर व्यक्ति में हर समय तरह तरह तरह के भाव पैदा होते रहते हैं। वे भाव, प्रेम, नफरत, वीरता ,भक्ति ,साहस, करुणा आदि के हो सकते हैं, पर हर भाव तब तक गीत नहीं बनता जब तक ओ से शब्द प्राप्त नहीं हो जाते। वास्तव में भावों के रूप में अगीत पहले बनते हैं और गीतों की रचना बाद में होती है।



आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।

Answered by SweetCandy10
4

Answer:-

यदि मन की कोमल भावनाओं को गाकर मधुर स्वर में प्रकट करना गीत है तो मन करे कोमल भाव अगीत है जो मन में छिपे रहते हैं। वे मुखर नहीं होते, मौन रह जाते हैं। यदि गीत है तो वे अगीत के कारण से हैं। मन में छिपे सभी को कोमल- कठोर भाव अगीत ही तो है जो शब्दों का रूप नहीं ले पाते। यदि अगीत न हो तो गीत नहीं बन सकते। गीत तो अगीत के ही शाब्दिक रूप है। इस संसार के हर व्यक्ति में हर समय तरह तरह तरह के भाव पैदा होते रहते हैं। वे भाव, प्रेम, नफरत, वीरता ,भक्ति ,साहस, करुणा आदि के हो सकते हैं, पर हर भाव तब तक गीत नहीं बनता जब तक ओ से शब्द प्राप्त नहीं हो जाते। वास्तव में भावों के रूप में अगीत पहले बनते हैं और गीतों की रचना बाद में होती है।

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