सभी लोग मेले में जा रहे हैं उद्देश्य और विधेय छाँटिए
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व्याकरण वाक्य-भेद
वाक्य-भेद
वाक्य
अपने मन के भाव-विचार प्रकट करने के लिए हम भाषा का सहारा लेते हैं और वाक्यों के रूप में प्रकट करते हैं। कभी-कभी कुछ शब्दों से ही काम चला लेते हैं पर हमेशा ऐसा नहीं हो सकता है। वाक्य शब्दों के मेल से बनते हैं जो अपने में कुछ न कुछ अर्थ छिपाए रहते हैं। अर्थ की पूर्ण अभिव्यक्ति के लिए इन शब्दों को एक व्यवस्थित क्रम में रखा जाता है। इस तरह सार्थक शब्दों का ऐसा व्यवस्थित समूह जो पूरा आशय प्रकट करता है, उसे वाक्य कहते हैं। अतः वाक्य –
सार्थक शब्दों (पदों) के मेल से बनते हैं।
पूर्ण और स्वतंत्र होते हैं।
वक्ता की कही बातों का आशय स्पष्ट करते हैं।
शब्दों का एक निश्चित क्रम रखते हैं। हिंदी के वाक्यों का पद क्रम इस तरह होता है
कर्ता + कर्म + पूरक + क्रिया जैसे-
पल्लव पुस्तक लाता है।
पुलिस ने चोरों को घेरकर पकड़ा।
गाय हरी घास खाती है।
चित्रकार चित्र बनाएगा।
वाक्य-भेद का आधार
वाक्य-भेद को स्पष्ट रूप से समझने के लिए निम्नलिखित वाक्यों की रचना पर ध्यान देते हैं –
चित्रकार चित्र बनाएगा।
चित्रकार चित्र बनाएगा और बाज़ार में बेचेगा।
चित्रकार ने कहा कि वह चित्र बनाएगा।
चित्रकार ने कहा कि वह चित्र बनाएगा और बाज़ार में बेचेगा।
उपर्युक्त वाक्यों में पहला एक वाक्य है। दूसरा और तीसरा दो वाक्यों से तथा चौथा तीन वाक्यों से। वाक्य होने के बाद भी ये अलग-अलग प्रकार के वाक्य हैं।
वाक्य-भेद
CBSE Class 10 Hindi A व्याकरण वाक्य-भेद 1
1. सरल वाक्य
सरल वाक्य एक कर्ता तथा एक क्रिया के मेल से बनता है। इसमें कोई उपवाक्य जुड़ा नहीं होता है।
जैसे- कछुए ने खरगोश को हरा दिया।
नौकर ने समय पर काम पूरा कर लिया।
ड्राइवर समय से बस लेकर नहीं आया।
पक्षी शाम होते ही घोंसले की ओर लौट आते हैं।
सरल वाक्यों की रचना –
सरल वाक्यों की रचना मुख्यतया दो घटकों से होती है। ये घटक हैं – (i) उद्देश्य (ii) विधेय