सभी प्रकार के समास का वर्णन कीजिए
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समास के नियमों से निर्मित शब्द सामासिक शब्द कहलाता है। इसे समस्तपद भी कहते हैं। समास होने के बाद विभक्तियों के चिह्न (परसर्ग) लुप्त हो जाते हैं। जैसे-राजपुत्र।
समास-विग्रह
सामासिक शब्दों के बीच के संबंधों को स्पष्ट करना समास-विग्रह कहलाता है।विग्रह के पश्चात सामासिक शब्दों का लोप हो जाता है जैसे-राज+पुत्र-राजा का पुत्र।
पूर्वपद और उत्तरपद
समास में दो पद (शब्द) होते हैं। पहले पद को पूर्वपद और दूसरे पद को उत्तरपद कहते हैं।
जैसे-गंगाजल।गंगा+जल, जिसमें गंगा पूर्व पद है,और जल उत्तर पद। इसमें गंगा पूर्वपद और जल उत्तरपद है।
संस्कृत में समासों का बहुत प्रयोग होता है। अन्य भारतीय भाषाओं में भी समास उपयोग होता है। समास के बारे में संस्कृत में एक सूक्ति प्रसिद्ध है:
Answer:
समास की रचना मे दो पद होते हैं, पहले को पूर्वपद तथा दूसरे को उत्तरपद कहते है और इनसे मिलकर बने नये शब्द को समस्त पद कहते है। मुख्य रुप से छः प्रकार के होते है। अव्यवीभाव , कर्मधारय , द्विगु, द्वन्द्व, तत्पुरुष , बहुब्रीहि समास