सभी प्रश्नों के उत्तर दें।----------- (1) दिए गए पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखें। चारों ओर गंदगी फैली, कूड़े- करकट का अंबार। यह तो है बाहरी गंदगी, कर लो तुम इसका उपचार।। मंत्र स्वच्छता का अपनाओ, स्वस्थ, सबल जीवन का दान। दूर करो गंदगी, बच्चों, करो देशभर का कल्याण।। दूर गंदगी होने से, खुशियों का संसार बसेगा। बस्ती अपनी सुंदर होगी, वायु, देह, मन शुद्ध होगा। प्रश्न---- (क) बाहरी गंदगी से कवि का क्या तात्पर्य है? (ख) कवि ने कौन -सा मंत्र अपनाने को कहा है, क्यों? (ग) खुशियों का संसार बसेगा, कैसे? (घ) दिए गए पद्यांश के लिए उचित शीर्षक दें? (ड.) वायु ,देह, मन तथा बस्ती का अर्थ लिखें। (2) आप दशहरे की छुट्टी किस तरह से बिताएं, इस पर आप कम- से- कम 100 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखें। (3) आपने कभी चिड़ियाघर को देखा होगा। वहां नाना प्रकार के दुर्लभ जीव- जंतुओं ने आप का मन -मोह लिया होगा। इस सैर का वर्णन करते हुए एक अनुच्छेद लिखिए। (4) आपको कुछ पुस्तकों की आवश्यकता है। आप पुस्तकें लेने दुकान पर गए। वहां आपके और दुकानदार के बीच जो बातचीत हुई, उसे संवाद के रूप में लिखिए। (संवाद लेखन)
Answers
चारों ओर गंदगी फैली, कूड़े- करकट का अंबार। यह तो है बाहरी गंदगी, कर लो तुम इसका उपचार।। मंत्र स्वच्छता का अपनाओ, स्वस्थ, सबल जीवन का दान। दूर करो गंदगी, बच्चों, करो देशभर का कल्याण।। दूर गंदगी होने से, खुशियों का संसार बसेगा। बस्ती अपनी सुंदर होगी, वायु, देह, मन शुद्ध होगा।
(क) बाहरी गंदगी से कवि का क्या तात्पर्य है?
➲ बाहरी गंदगी से कवि का तात्पर्य चारो तरफ फैले कूड़े-करकट से है।
(ख) कवि ने कौन -सा मंत्र अपनाने को कहा है, क्यों?
➲ कवि ने स्वच्छता का मंत्र अपनाने को कहा है क्योंकि स्वच्छता का मंत्र अपनाने से जीवन स्वस्थ सबल बनेगा।
(ग) खुशियों का संसार बसेगा, कैसे?
➲ जब गंदगी दूर होगी और चारों तरफ स्वच्छता कायम होगी तो खुशियों का संसार बनेगा।
(घ) दिए गए पद्यांश के लिए उचित शीर्षक दें?
➲ स्वच्छता का संसार
(ड.) वायु ,देह, मन तथा बस्ती का अर्थ लिखें।
➲ वायु का अर्थ है, आसपास का वातावरण, देह का अर्थ है, मानव शरीर, मन का अर्थ है, आंतरिक स्वच्छता, बस्ती का अर्थ है, वो समाज जिसमें हम रह रहे।
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