सभी रसों के सरल उदाहरण
Answers
सभी रसों के सरल उदाहरण इस प्रकार हैं...
हास्य रस...
बुरे समय को देखकर गंजे तू क्यों रोय।
किसी भी हालत में तेरा बाल न बांका होय।।
वीर रस...
मैं सत्य कहता हूँ सखे! सुकुमार मत जानो मुझे।
यमराज से भी युद्ध में प्रस्तुत सदा जानो मुझे।
हे सारथे! हैं द्रोण क्या? आवें स्वयं देवेन्द्र भी।
वे भी न जीतेंगे समर में आज क्या मुझसे कभी।।
श्रंगार रस...
कहत, नटत, रीझत, खीझत, मिलत, खिलत, लजियात।
भरै भौन में करत है, नैनन ही सों बाता।।
रौद्र रस...
एक दिन न्यूयार्क भी मेरी तरह हो जाएगा
जिसने मिटाया है मुझे वह भी मिटाया जाएगा।
आज ढाई लाख में कोई नहीं जीवित बचा ।
एक दिन न्यूयार्क में कोई नहीं बच पाएगा।
भयानक रस...
आलिंगन! फिर भय का क्रंदन! वसुधा जैसे काँप उठी।
वह अतिचारी, दुर्बल नारी, परित्राण-पथ नाप उठी।।
वीभत्स रस...
'कहूँ हाड़ परौ, कहूँ जरौ अधजरौ मांस
कहूँ गीध भीर, मांस नोचत अरी अहै'।
करुण रस...
अपनी तुतली भाषा में, वह सिसक -सिसक कर बोली।
जलती थी भूख तृषा की, उसके अंतर में होली ।
डा सही नजाती मुझसे अन आज भूख की ज्वाला
कल से डी यास लगी है, रो रहा हृदय मतवाला
अद्भुत रस...
अखिल भुवन चर अचर सब , हरिमुख में लखि मात।
चकित भई गदगद वचन विकसित दृग पुलकात।।
शांत रस...
माटी कहे कुम्हार से, तू क्या रोंदे मोहे,
एक दिन ऐसा आएगा, मैं रोंदूगी तोहे।