Hindi, asked by Tiya421, 9 months ago

sabhi prasno ka utar dijiye paragraph ko read karke!!
गुरुकुल में पढ़ने वाले छात्रों की पढाई पूरी होने पर एक दिन गुरूजी ने सभी छात्रों को मैदान में इकट्ठा होने
के लिए कहा । सभी शिष्य मैदान में आकर खड़े हो गए। गुरूजी ने उनसे कहा, प्रिय शिष्यों मैं चाहता हूँ कि यहाँ
से जाने से पहले आप सब एक बाधा दौड़ में भाग लें। इस दौड़ में आपको एक अँधेरी सुरंग से गुजरना होगा। सभी
शिष्य सुरंग से गुजरे, जहाँ जगह-जगह नुकीले पत्थर पड़े थे । दौड़ पूरी होने पर गुरूजी ने कहा, कुछ शिष्यों ने
दौड़ जल्दी पूरी कर ली और कुछ ने बहुत अधिक समय लगा दिया, भला ऐसा क्यों ? कुछ शिष्यों ने जवाब दिया
कि रास्ते में नुकीले पत्थर थे, जिन्हें हम चुनकर जेब में रखते जा रहे थे ताकि पीछे आने वालों को पीडा न हो ।
गुरूजी ने उन सभी शिष्यों को बुलाया जिन्होंने पत्थर चुने थे और कहा, जिन्हें तुम पत्थर समझ रहे हो , वे वास्तव
बहुमूल्य हीरे हैं, जिन्हें मैंने सुरंग में डाला था । ये हीरे तुम सबका उपहार हैं क्योंकि तुमने दूसरों की पीड़ा को
समझा । यह दौड़ जिंदगी की सच्चाई को बताती है कि सच्चा विजेता वही है जो इस दौड़ती दुनिया में दूसरों का
हुए
आगे बढ़ता है ।
(क) गुरूजी ने शिष्यों को कहाँ और क्यों बुलाया था ?
(ख) शिष्यों को सुरंग में किस कठिनाई का सामना करना पड़ा ?
(ग) गुरूजी ने शिष्यों को क्या दिया और क्यों ?
(घ) यह दौड़ जिंदगी की कौन-सी सच्चाई बताती है ?
(ड) उपर्युक्त कहानी का उचित शीर्षक लिखिए ।

Answers

Answered by kavyajosh89
33

Answer:

क: guruji ne shishyo ko medan me bulaya aur ek badha dod ke liye kaha

ख:shishyo ko surang me nukile pathar ka samna karna pda.

ग:gurujine shishyo ko hire diye kuyki un shishyo ne dusro ki pida samji aur vaah nukile pathar utha liye

घ: यह दौड़ जिंदगी ki yaah sachay batati hai ki sacha vijeta vahi hai jo is dodti duniyaa me dusro ki pisa samajkar age badhta hai

ङ:guruji ka jivan ke liye path

please mark me as brainliest

Answered by shashibutola0
0

Answer:

(क) गुरुजी ने शिष्यो को मैदान में बुलाया क्यूकी वह चाहते थे कि से पहले सभी शिष्य एक बाधा दौड़ में भाग ले

ख.. शिष्यों को यह कठिनाई का सामना करना पड़ा कि वहां पर जगह-जगह पर नुकीले पत्थर पड़े थे

ग .... हूजी ने शिष्यों को बहुमूल्य ही दे दिए क्योंकि वह दूसरों की पीड़ा को समझे

घ ..... यह दौड़ जिंदगी की है सच्चाई बताती है कि सच्चा विजेता वही है जो इस दौड़ती दुनिया में दूसरों का भला करते हुए आगे बढ़े

ड.... जिंदगी का सच्चा विजेता

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