सबके कल्याण हेतु अपने आचरण को सुधारना क्यों आवश्यक है?
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➲ सब के कल्याण के लिए अपने आचरण को सुधारना आवश्यक इसलिए होता है, क्योंकि अपने शुद्ध और सात्विक आचरण से ही हमारे चरित्र का निर्माण होता है। जब हमारा चरित्र उज्जवल होगा तो हमारा आचरण सदाचार पूर्ण होगा. तभी हम अपने स्वार्थ की भावना से ऊपर उठकर परमार्थ के कार्य में लग सकेंगे और जनकल्याण कर सकेंगे। यदि हम अपना आचरण नहीं सुधरेंगे और अपने स्वार्थों में ही लिप्त रहेंगे तो हम अपने दूसरों के कल्याण के विषय में नहीं सोच सकते हैं। दूसरों के कल्याण के लिए ‘स्व’ से उठकर ‘पर’ की ओर जाना होता है।
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सब के कल्याण के लिए अपने आचरण को सुधारना आवश्यक इसलिए होता है , क्योंकि अपने शुद्ध और सात्विक आचरण से ही हमारे चरित्र का निर्माण होता है । जब हमारा चरित्र उज्जवल होगा तो हमारा आचरण सदाचार पूर्ण होगा . तभी हम अपने स्वार्थ की भावना से ऊपर उठकर परमार्थ के कार्य में लग सकेंगे और जनकल्याण कर सकेंगे । यदि हम अपना आचरण नहीं सुधरेंगे और अपने स्वार्थों में ही लिप्त रहेंगे तो हम अपने दूसरों के कल्याण के विषय में नहीं सोच सकते हैं । दूसरों के कल्याण के लिए ' स्व ' से उठकर ' पर ' की ओर जाना होता है ।