सच्चाई और साहस के बल पर हम किसी भी परिस्थिति के सामना कैसे कर सकते हैं।
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इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि समय और परिस्थितियां हमेशा एक जैसी नहीं होती है। हर व्यक्ति के जीवन में कभी अच्छा समय आता है, तो कभी बुरे दौर से उसे गुजरना पड़ता है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि व्यक्ति की पहचान उसके बुरे दौर में ही होती है। ऐसा कहने के पीछे सबसे बड़ा कारण यही है कि जीवन के अच्छे दौर में तो सामान्य से सामान्य व्यक्ति भी सही फैसला करने में सक्षम होता है लेकिन जब स्थिति प्रतिकूल हो, तो उस समय व्यक्ति की सही प्रतिभा का आकलन किया जाता है।प्रतिकूल परिस्थितियों में सही निर्णय लेने वाला व्यक्ति ही सफलता की ओर अग्रसर होता है और जो व्यक्ति ऐसे समय में अपने को नहीं संभाल पाता उसे विफलता हाथ लगती है। आखिरकार प्रतिकूल समय में सही निर्णय लेने के लिए सबसे महत्वपूर्ण गुण क्या हो सकता है। कठिन परिस्थितियों के समय व्यक्ति को किसकी सबसे अधिक आवश्यकता होती है।
अगर गंभीरता से विचार करें तो प्रतिकूल परिस्थितियों में व्यक्ति के अंदर सबसे पहले घबराहट उत्पन्न होता है और उस घबराहट में उसे अजीबो गरीब ख्याल आते हैं, उसकी उम्मीदें कमजोर पड़ती जाती है, उसका धैर्य जवाब देने लगता है और ऐसी स्थिति में वह जो भी निर्णय लेता है, उसमें से अधिकांश गलत साबित होते हैं। इसलिए सबसे महत्वपूर्ण है प्रतिकूल समय में धैर्य को बनाए रखना। धैर्य से हीं कठिन से कठिन चुनौतियों का सामना किया जा सकता है। जिस व्यक्ति के पास धैर्य नहीं, वह छोटी से छोटी समस्याओं का सामना भी सही तरीके से नहीं कर पाता है।
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