'सच्चा कलाकार वह होता है जो दूसरे की कला का सम्मान', करता है इस कथन पर अपना मत व्यक्त करें ।
Answers
सच्चा कलाकार वह होता है जो दूसरे की कला का सम्मान करता है इस कथन पर हमारे मत निम्नलिखित है |
Explanation:
सच्चा कलाकार वह होता है जो दूसरे की कला का सम्मान करता है इस कथन पर हमारे मत निम्नलिखित है:
- कलाकार को एक फलदार वृक्ष की तरह होना चाहिए जो सदैव फलों से लगा रहता है लेकिन सदैव झुका भी रहता है अर्थात यदि कलाकार किसी भी प्रकार की कला में निपुण है तो उसे सदैव दूसरों का सम्मान और आदर करना आना चाहिए।
- यह भला ही हो सकता है कि एक कलाकार अपनी कला में बहुत अधिक निपुणता हासिल कर चुका हो लेकिन यदि वह किसी दूसरे कलाकार की गला का सम्मान नहीं करता है तो उसकी कला का कोई महत्व नहीं रह जाता।
- इसीलिए कहा जाता है कि एक सच्चा कलाकार वही होता है जो दूसरे की कला का सम्मान करता है भले ही वह कला समाज में उभर पाई हो या ना।
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(४)‘ कला और कलाकार का सम्मान करना हमारा दायित्व है’, इस कथन पर अपने विचारों काे शब्दबद्ध कीजिए ।
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Answer:
कलाकार को कोई कला सीखने के लिए गुरु के सान्निध्य में रह कर वर्षों तक तपस्या करनी पड़ती है। कला की छोटी छोटी बारीक बातों की जानकारी करनी पड़ती है। इसके साथ ही निरंतर रियाज करना पड़ता है। गुरु से कला की जानकारियां प्राप्त करते-करते अपनी कला में वह प्रवेश होता है। सच्चा कलाकार किसी कला को सीखने की प्रक्रिया में होने वाली कठिनाइयों से परिचित होता है। इसलिए उसके दिल में अन्य कलाकारों के लिए सदा सम्मान की भावना होती । वह छोटे-बड़े हर कलाकार को समान समझता है और उनकी कला का सम्मान करता है। सच्चे कलाकार का यही धर्म है। इससे कला को प्रोत्साहन मिलता है और वह फूलती-फलती है।
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