सच्चा मित्र जीवन की अनुपम निधि होता है। टोपी शुक्ला एवं इफ्फन का उदाहरण
देते हुए-अपने विचार वक्त कीजिए।
Answers
सच्चा मित्र जीवन की अनुपम निधि होता है।
इफ़्फ़न और टोपी शुक्ला बहुत अच्छे दोस्त थे | इफ़्फ़न और टोपी शुक्ला अलग-अलग मजहब के होते हुए भी एक दूसरे से प्रेमरूपी अटूट बंधन में बंधे हुए थे। टोपी की दोस्ती पहले-पहल इफ़्फ़न के साथ ही हुई थी।
सच्चा मित्र जीवन की अनुपम निधि होता है। इस वाक्य में मेरे विचार है , दोस्ती कहने तो बहुत छोटा सा शब्द लेकिन दोस्ती की अहमियत सबसे ऊपर है| दोस्ती रिश्ता सब से अच्छा रिश्ता है |
दोस्ती हर समय , हर पल , दुःख और ख़ुशी में हमेशा साथ देती है | जीवन में अच्छा दोस्त होना बहुत जरूरी है जो हमेशा हमारा साथ दे | सारी दुनिया एक साथ हो और दोस्ती एक तरफ़ हो जो किसी के भी आने से न टूटे | हमें अपने सबसे अच्छे दोस्त को कभी नहीं खोना चाहिए हर मुसीबत में साथ रहना चाहिए |
Answer
यह सच है कि "सच्चा मित्र जीवन की अनुपम निधि होती है " । सच्चा मित्र हमारे सारे सुख दुख में साथ देता है , वह एक मित्र ही है जो हमारे समस्या को समझ सकते हैं । टोपी और इफ्फ़न भी ऐसे मित्र है जो भिन्न धर्म , जाति के थे लेकिन उनके मन में एक दूसरे से बहुत प्यार होती है । इफ्फ़न चले जाने पर टोपी अकेला हो गया और उसका हृदय दुखी हो गई। ऐसे ही संबंध को सच्चा मिलता कहते हैं और इन दोनों की मित्रता ही एक अच्छा उदाहरण है।