Hindi, asked by Adwaith360, 7 days ago

सच्चे मित्र के बारे में 80-100 शब्दों में लिखिए
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Answered by Anonymous
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Answered by pawanmerijaan
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प्रस्तावना– सच्चा मित्र वही होता है जो जीवन के हर मोड़ पर आपके साथ खड़ा हो। जीवन के हर मुश्किल परिस्थिति में आपके संग खड़ा हो और आपको सबसे बेहतर समझे वह सच्चा मित्र कहलाता है। जीवन के हर सुख -दुःख में आपके साथ हो , और अपने मित्र की हर परेशानी में हाज़िर हो जाए , वह होता है , सच्चा मित्र। सच्चा मित्र अपने दोस्त का हमेशा भला चाहता है| जिन्दगी में आधी रात को भी मित्र की ज़रूरत पड़े , उसके लिए दौड़कर चला आता है। जीवन में वह व्यक्ति खुशनसीब होता है जिसे सच्चा मित्र मिलता है। वह सच में भाग्यशाली होता है। आज के दिनों में सच्चा मित्र पाना मुश्किल हो गया है। सच्चा मित्र कभी भी स्वार्थी नहीं होता है , वह अपने मित्र के लिए अपनी सारी खुशियों का त्याग कर सकता है। सच्चा दोस्त हमेशा अपने मित्र का आत्मविश्वास बढ़ाते है।

सच्चा मित्र वह है जिससे कोई भी बात , दुःख -दर्द और परेशानी हम साझा कर सके। जीवन में सभी को एक सच्चे साथी की ज़रूरत होती है। सच्चे दोस्त के साथ जितना प्यार होता है , उतनी लड़ाई भी होती है। अगर जिंदगी में हम कभी निराश हो जाए तो वह हौसले और आशा की किरण बनकर हमारा साथ देते है। अगर हम जीवन में कुछ गलत करते है तो सच्चा मित्र हमे हमेशा सही राह दिखाते है। अगर हमारे आँखों से आंसू छलके तो वह उसे पोंछ देते है अर्थात हमारे जिन्दगी में व्याप्त दुःख और परेशानी को कम कर देते है।

सच्चा मित्र अपनी दोस्ती जीवन पर्यन्त निभाता है। सच्चा मित्र अपना कर्त्तव्य निभाने में कभी पीछे नहीं हठता है। एक सच्चा दोस्त निस्स्वार्थ होकर दोस्त की सहायता करता है। मित्रता सबसे प्यार भरा रिश्ता होता है। दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है जो हर रिश्ते में हो सकती है। माता पिता , बहन , भाई भी हमारे सच्चे और अच्छे दोस्त होते है। दोस्ती हर रिश्ते को खूबसूरत और सहज बना देती है।

दोस्ती खून का नहीं बल्कि दिल से बनाया हुआ रिश्ता होता है। आजकल लोग सच्चा मित्र पाने के लिए तरस जाते है। लोगो के पास इतना वक़्त नहीं है कि वह अपनी दोस्ती निभा सके।मगर सच्चे मित्र अपने व्यस्त जीवन में भी मित्र के लिए समय निकाल लेते है। सच्चे मित्र अनमोल होते है और उन्हें हमेशा हमें संजोय कर रखना चाहिए। सच्चा मित्र एक दवाई की भाँती होते है जो अपने दोस्तों के तकलीफो को दूर कर देता है। सच्चे मित्र मार्ग दर्शक होते है। अगर दोस्त मार्ग भटक जाए तो वह अपनी सच्ची मित्रता निभाकर उसे सही मार्ग पर ले आते है।

सच्चे मित्र की पहचान बुरे वक़्त पर होती है। अक्सर हम कुछ चीज़ो को देखकर कई लोगो को दोस्त बना लेते है। जब परिस्थिति ख़राब होती है , तब पता चलता है कौन सच्चा है और कौन झूठा। सच्चा मित्र प्रत्येक कार्य को पूरा करने में अपने मित्र का जोश बढ़ाता है। सच्चा मित्र अपने दोस्त को जीवन के विषम परिस्थितियों में कभी गिरने नहीं देता है। सच्चा मित्र आजीवन अपने मित्र को उचित मश्वरा देता है और कभी भी उसे बुरे हालातो में टूटने नहीं देता है।

प्राचीन समय में भी सच्ची मित्रता के कई उदाहरण हमे देखने को मिलते है। रामायण में श्रीराम और सुग्रीव की दोस्ती। श्रीराम ने जैसे सुग्रीव की सहायता की , उसी प्रकार सुग्रीव ने भी आखरी वक़्त तक प्रभु श्रीराम का साथ दिया। श्रीकृष्ण और सुदामा की दोस्ती कोकौन नहीं जानता है। श्रीकृष्ण संपन्न राजा थे और सुदामा एक साधारण ब्राह्मण जो भिक्षा करके अपने दैनिक जीवन का गुजारा करते थे

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