सच्चे मित्रों की क्या पहचान होती है ? क्या हीरा और मोती सच्चे मित्र है ?
Answers
सच्चे मित्र आपस में खूब घुल-मिलकर रहते हैं। वे कभी-कभी आपस में धौल-धप्पा, शरारत या कुलेल-क्रीड़ा भी करते हैं। इससे उनका प्रेम बढ़ता है। वे गहरे मित्र बनते हैं। प्रेमचंद के शब्दों में - "इसके बिना दोस्ती कुछ फुसफुसी, कुछ हल्की-सी रहती है, जिस पर कुछ विश्वास नहीं किया जा सकता।"
हीरा-मोती भी गहरे मित्र हैं। वे इकठ्ठे खाते-पीते हैं। प्रेम-प्रदर्शन के लिए एक-दूसरे को सूंघते और चाटते हैं। खेल-खेल में एक-दूसरे को धकेलते हैं, सींग से सींग मिलाकर ठेलाठेली करते हैं। आपस में जोर-आजमाइश करते हैं। दूसरे को बिगरता देखकर स्वयं पीछे हट जाते हैं।
हीरा-मोती सच्ची मित्रता का प्रदर्शन अनेक स्थलों पर करते हैं। वे दूसरे को संकट से बचाने के लिए ख़ुद संकट सहन कर लेते हैं। इस प्रकार हीरा-मोती सच्चे मित्र हैं।
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Answer:
Mitra ki aapas mein ghul mil kar jaate Hain ek dusre ke sath rahte hain madad karte hain donon ek dusre ke sath apna Sukh dukh padhte Hain Hira Moti ka swabhav