सच्चे मित्र को कब परखा जा सकता है ?
समारोह में
सबके समक्ष
विपत्ति आने पर
इनमे से कोई नहीं
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चाणक्य के अनुसार मित्र की पहचान संकट के समय ही होती है. संकट और विपत्ति आने पर जो संग न छोड़े वहीं सच्चा मित्र है. ऐसे मित्र का हमेशा सम्मान करना चाहिए. सुख में साथ हो और दुख में किनारा कर ले, ऐसा व्यक्ति कभी भी सच्चा मित्र नहीं हो सकता ।
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विपत्ति आने पर Is the correct one
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