सच्चे मित्र की पहचान संकट के समय होती है इस पर अपने विचार लिखिए।
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Explanation:
- गाँव के कुत्तों ने जब चीथड़ों में लिपटे उस अजीब आदमी को देखा तो उन्हें वह कोई पागल लगा । वे
- उसपर बेतहाशा भौंकने लगे । गाँव के बच्चे खेल रहे थे । कुत्तों की देखा-देखी गाँव के बच्चे भी पूरी दोपहर उसे छेड़ते
- और तंग करते रहे । आश्चर्य की बात यह थी कि वह आदमी उन बच्चों को कुछ बोल नहीं रहा था । संयोग से किसी भले
- आदमी ने गाँव के बच्चों को उसपर पत्थर फेंकते हुए देख लिया । जब वह भला आदमी उस आदमी के करीब गया
- उसके चेहरे पर मौजूद खोएपन के भाव के बावजूद उसे उस में गरिमा के चिह्न दिखे । 'यह आदमी पागल नहीं हो
- सकता' - उसने सोचा । गाँव के उस आगंतुक भले व्यक्ति ने उस आदमी से उसका नाम - पता पूछा, पर वह कोई उत्तर
- नहीं दे सका । वह केवल इतना बोल पाया, “शायद मैं खो गया हूँ !'' यह सुनते ही गाँव के उस भले व्यक्ति ने निश्चय
- किया कि वे सब उसे 'खोया हुआ आदमी' कहकर बुलाएँगे।
- खोया हुआ आदमी इतना खोया था, इतना खोया था कि उसकी पूरी स्मृति का लोप हो चुका था । उसके जहन से
- उसका नाम और पता पूरी तरह खो चुके थे । न उसे अपनी जाति पता थी, न अपना धर्म ।
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