सच्चा मित्र कहानी शिक्षा पर आधारित
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Mark me as brilliant
Explanation:
जीवन और राकेश दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते थे और बहुत ही पक्के दोस्त थे। जहाँ भी जाते खूब मस्ती करते और मौज मनाते ।
एक दिन दोनों घूमते हुए जंगल की तरफ निकल गए। बातें करते हुए उन्हें ध्यान ही नहीं रहा कि रात हो गयी।
अब दोनों को डर लगने लगा कि कहीं कोई जंगली जानवर उन पर हमला ना कर दे।
जल्दी से जंगल से बाहर निकलने के लिए वो दौड़ने लगे। लेकिन दौड़ते हुए जीवन की चप्पल टूट गयी और उसके पैर में चोट लग गयी और खून बहने लगा। जिससे उसे चलने में दिक्कत आने लगी।
टूटी चप्पल और चोट के कारण जीवन बहुत धीरे ही चल पा रहा था क्योंकि अगर चप्पल हाथ में ले लेता तो जमीन पर पड़े पत्थर और कांटे उसके पैर को चुभ जाते और दर्द करते।
तभी दूर से किसी जानवर के चिंघाड़ने की आवाज आयी और उसे सुन राकेश तेजी से भाग गया लेकिन जीवन तो धीरे ही चल पा रहा था सो पीछे रह गया।
लेकिन जीवन ने हिम्मत नहीं हारी और धीरे धीरे ही चलते हुए जंगल से सुरक्षित बाहर आ गया। अगले दिन दोनों जब स्कूल में मिले तो राकेश बोला ” मैंने तो सबक सीख लिया कि अब कभी जंगल की तरफ नहीं जाऊंगा। ” तब जीवन ने जवाब में कहा ” हाँ ! मैंने भी एक सबक सीखा कि दोस्त वही जो समय पर काम आए।”
इस से हमें यह शिक्षा मिलती है – तुम्हारा सच्चा मित्र वही जो बुरे समय तुम्हारा साथ दे।
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जीवन और राकेश दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते थे और बहुत ही पक्के दोस्त थे। जहाँ भी जाते खूब मस्ती करते और मौज मनाते ।
एक दिन दोनों घूमते हुए जंगल की तरफ निकल गए। बातें करते हुए उन्हें ध्यान ही नहीं रहा कि रात हो गयी।
अब दोनों को डर लगने लगा कि कहीं कोई जंगली जानवर उन पर हमला ना कर दे।
जल्दी से जंगल से बाहर निकलने के लिए वो दौड़ने लगे। लेकिन दौड़ते हुए जीवन की चप्पल टूट गयी और उसके पैर में चोट लग गयी और खून बहने लगा। जिससे उसे चलने में दिक्कत आने लगी।
टूटी चप्पल और चोट के कारण जीवन बहुत धीरे ही चल पा रहा था क्योंकि अगर चप्पल हाथ में ले लेता तो जमीन पर पड़े पत्थर और कांटे उसके पैर को चुभ जाते और दर्द करते।
तभी दूर से किसी जानवर के चिंघाड़ने की आवाज आयी और उसे सुन राकेश तेजी से भाग गया लेकिन जीवन तो धीरे ही चल पा रहा था सो पीछे रह गया।
लेकिन जीवन ने हिम्मत नहीं हारी और धीरे धीरे ही चलते हुए जंगल से सुरक्षित बाहर आ गया। अगले दिन दोनों जब स्कूल में मिले तो राकेश बोला ” मैंने तो सबक सीख लिया कि अब कभी जंगल की तरफ नहीं जाऊंगा। ” तब जीवन ने जवाब में कहा ” हाँ ! मैंने भी एक सबक सीखा कि दोस्त वही जो समय पर काम आए।”
इस से हमें यह शिक्षा मिलती है – तुम्हारा सच्चा मित्र वही जो बुरे समय तुम्हारा साथ दे।
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