सच हम नहीं सच तुम नहीं सच है महज संघर्ष ही. संघर्ष से हट कर जिए हम या कि तुम. जो नत हुआ वह म्रुत हुआ ज्यों व्रुंत से झर कर कुसुम. जो लक्ष्य भूल रुका नहीं . जो हार देख झुका नहीं. जिसने प्रणय पाथेय माना जीत उसकी ही रही. सच हम नहीं सच तुम नहीं. ऐसा करो,जिससे न प्राणों में कहीं जडता रहे. जो है जहाँ चुपचाप अपने आप-से लडता रहे. जो भी परिस्थितियाँ मिलें. काँटे चुभें,कायाँ खिलें. हारे नहीं इंसान,है संदेश जीवन का यही. सच हम नहीं सच तुम नहीं.
क).कवि के अनुसार सच क्या है? *
1.हम और तुम
2.लक्ष्य
3.संघर्ष
4.परिस्थितियाँ
ख).इस काव्यांश का मूल भाव है- *
1.पराजय को स्वीकार नहीं करना
2.लक्ष्य को देखकर रुकना
3.सबके सामने झुकना
4.चुपचाप चलते रहना
ग).पद्यांश के आधार पर बताईए जीत किसकी होती है- *
1.जो कठिनाईयों से प्रेम करता हो
2.किसके प्रणों में जडता आ जाती है
3.जो फूल डाल से टूट कर गिरते हैं
4.हारने पर लक्ष्य भूल जाते हैं
घ). ‘ प्रणय ‘ का अर्थ है- *
1.विरक्ति
2.नफ़रत
3.प्रेम
4. अहंकार
ङ). ‘जो नत हुआ वह म्रुत हुआ ’कवि ने ऐसा क्यों कहा है? *
1.झुके हुए इंसान का अस्तित्व नहीं होता .
2.झुके हुए इंसान का कोई परिचय नहीं होता.
3.झुके हुए इंसान का आत्मसम्मान नहीं रहता.
4.दिए गए सभी.
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हमें एक अपठित गद्यांश दी जाती है जिस पर हमसे कुछ प्रश्न पूछे जाते हैं जिनका हमें उत्तर देना होता है। अपठित गद्यांश पर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर नीचे दिए गए हैं:
- इस प्रकार के प्रश्न आमतौर पर भाषा के पेपर के दौरान पूछे जाते हैं।
- ऐसा इसलिए है क्योंकि यह परीक्षक को यह समझने में सक्षम बनाता है कि छात्र पेपर में कुछ नया पढ़ने और उन पर प्रश्नों के उत्तर देने में कितनी अच्छी तरह सक्षम है।
- पहला प्रश्न का उत्तर होगा कवि के अनुसार सच लक्ष्य है जो दूसरा विकल्प है I
- दूसरा प्रश्न का उत्तर होगा इस काव्यांश का मूल भाव पराजय को स्वीकार नहीं करना है जो पहला विकल्प हैI
- तीसरा प्रश्न का उत्तर होगा जो कठिनाईयों से प्रेम करता हो जो पहला विकल्प हैI
- चौथी प्रश्न का उत्तर होगा प्रणय ‘ का अर्थ है प्रेम जो तीसरा विकल्प हैI
- पांचवीं प्रश्न का उत्तर होगा दिए गए सभी जो चौथी विकल्प हैI
#SPJ1
इसी तरह के प्रश्नों के लिए देखें:
https://brainly.in/question/49792133
https://brainly.in/question/41867141
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