Sach vatavaran swachh ke bare mein likhkar bataiye 10 line
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समस्या केवल शौच और स्नान के लिये उपयुक्त स्थान उपलब्ध कराना ही नहीं है बल्कि मानव मल और दूषित जल का निरापद निपटारा करना भी है ताकि वातावरण साफ-सुथरा और स्वच्छ रहे। दूषित जल के प्रवाह के लिये सीवर व्यवस्था सबसे कारगर व्यवस्था है। लेकिन यह न केवल एक महंगी व्यवस्था बल्कि सभी नगरों में उपलब्ध भी नहीं है, गाँवों की बात तो दूर रही। भारत में सीवर व्यवस्था सबसे पहले 1870 में आरम्भ की गई। लगभग सवा सौ वर्षों के बाद भी 4689 कस्बों और शहरों में से केवल 232 कस्बों और शहरों में यह सुविधा विद्यमान है। उचित रख-रखाव के अभाव में उनका हाल खस्ता है। यही नहीं सभी घर सीवर प्रणाली से जुड़े नहीं हैं। तथा उपनगरों में सीवर व्यवस्था नहीं है।
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