India Languages, asked by plkj1410, 1 year ago

Sachi desh bhakti ke baare mein aap kya jante hain

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Answered by Deepikasmile
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देश भक्ति शब्द सुनते ही शरीर रोमांच से भर जाता है । एक ऐसा भाव पैदा होता है जो शब्दों में व्यक्त करना असंभव सा प्रतीत होता है । दिल ख़ुशी से भर जाता है जैसे अचानक पतझड़ में बहार आ गयी हो । एक ऐसा जोश और जिम्मेदारी का भाव पैदा हो जाता है जो समय और ऊम्र की सीमा को तोड़कर सबमे एकरूपता का बोध कराने लगता है । जाति, वर्ग, संप्रदाय और धर्म की सारी सीमायें जैसे टूट जाती है और प्रेम एवं बन्धुत्व की निर्मल धारा बहने लगती है । दिल गर्व का अनुभव करना शुरू कर देता है क्योकि देश के लिये त्याग की भावना अपने उत्कर्ष पर पहुँच जाती है फिर जबां पे ये शब्द अपने आप आने लगते हैं :-

“जो भरा नहीं है भावों से बहती जिसमे रसधार नहीं, वह ह्रदय नहीं पर पत्थर है जिसमे स्वदेश का प्यार नहीं “

यह सुनने, देखने, महसूस करने में बहुत अच्छा लगता है । पर जब हम सिक्के के दुसरे पहलुओं पर ध्यान करते है तब कुछ अनुत्तरित प्रश्न जैसे अपने आप मुहबाये खड़े हो जाते हैं । उन प्रश्नों पर गौर करने से जैसे रोमांच छीड़ होना शुरू कर देता है, प्रेम एवं बन्धुत्व के निर्मल धारा जैसे मानो अपनी तीब्रता खोना शुरू कर देती है और दिल एवं दिमाग कुंद हो जाता है । पुरे का पूरा उल्लास एवं जोश स्वतः ही जैसे समाप्ति की घोषणा करना शुरू कर देता है|

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