Hindi, asked by jpy12233, 4 months ago


sachin teldurkar
का चरित्र -चित्रण कीजिए:​

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Answered by ElegantAnshika660
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24 अप्रैल, 1973 को सचिन तेंदुलकर का जन्म मुंबई के एक राजापुर सारस्वत ब्राह्मण परिवार में हुआ था. सचिन के पिता रमेश तेंदुलकर, मराठी भाषा के एक प्रतिष्ठित उपन्यासकार और संगीतकार सचिन देव बर्मन के बहुत बड़े प्रशंसक थे, इसीलिए उन्होंने सचिन को उनका नाम दिया था. सचिन ने शारदाश्रम विद्यामंदिर में अपनी शिक्षा ग्रहण की |

Answered by aarusharma094
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Answer:

24 अप्रैल, 1973 को सचिन तेंदुलकर का जन्म मुंबई के एक राजापुर सारस्वत ब्राह्मण परिवार में हुआ था. सचिन के पिता रमेश तेंदुलकर, मराठी भाषा के एक प्रतिष्ठित उपन्यासकार और संगीतकार सचिन देव बर्मन के बहुत बड़े प्रशंसक थे, इसीलिए उन्होंने सचिन को उनका नाम दिया था. सचिन ने शारदाश्रम विद्यामंदिर में अपनी शिक्षा ग्रहण की.

Explanation:

सारी दुनिया में मशहूर क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर ने आज एक रहस्य की बात बताई है। सचिन तेंदुलकर ने एक स्कूल में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान बताया कि जब वह भारत के लिए खेलने का मन बनाकर ट्रायल देने गए तो पहले ट्रायल में क्वालीफाई नहीं कर पाए थे। उन्हें बाहर कर दिया गया था।

46 वर्षीय तेंदुलकर ने यह बात मराठी में लक्ष्मणराव दुरे स्कूल के छात्रों के साथ बात करते हुए कहा। इस दौरान उन्होंने कहा, 'जब मैं छात्र था तो मेरे दिमाग में सिर्फ एक ही चीज थी, भारत के लिए खेलना। मेरी यात्रा 11 साल की उम्र में शुरू हुई थी। 'मुझे यहां तक याद है कि जब मैं अपने पहले चयन ट्रायल के लिए गया था तो मुझे चयनकर्ताओं ने चुना नहीं था। उन्होंने कहा था कि मुझे और कड़ी मेहनत करके खेल में सुधार करने की जरूरत है।' तेंदुलकर ने कहा, 'उस समय मैं निराश था, क्योंकि मुझे लगा कि मैं अच्छी बल्लेबाजी करता था, लेकिन नतीजा उम्मीदों के अनुरूप नहीं था और मुझे नहीं चुना गया था।'

उन्होंने आगे कहा, 'इसके बाद मेरा ध्यान, प्रतिबद्धता और कड़ी मेहनत करने की क्षमता और ज्यादा बढ़ गई। अगर आप अपने सपनों को साकार करना चाहते हो तो 'शॉर्ट-कट' से मदद नहीं मिलती।' इस यात्रा में सहयोग करने के लिए तेंदुलकर ने अपने परिवार और कोच रमाकांत अचरेकर को श्रेय दिया। उन्होंने कहा, 'मेरी सफलता मुझे अपने परिवार के सभी सदस्यों की मदद से मिली। मैं अपने माता पिता से शुरुआत करूंगा, जिनके बाद मेरे भाई अजीत और बड़े भाई नितिन ने सहयोग किया।'

तेंदुलकर ने कहा, 'मेरी बड़ी बहन ने मेरी मदद की। बल्कि मेरी बहन ने मुझे मेरी जिंदगी का पहला क्रिकेट बल्ला भेंट किया था।' उन्होंने कहा, 'शादी के बाद पत्नी अंजलि और बच्चे सारा और अर्जुन तथा अंजलि के माता-पिता ने मेरा सहयोग किया। मेरे अंकल और आंटी और कई अन्य लोग भी इसके लिए मौजूद रहे और अंत में निश्चित रूप से रमाकांत अचरेकर सर।'

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