Sadachar ka mahatva batate Hue Apne chote bhai ko Patra likhiye
Answers
प्रिय प्रफुल्ल,
प्रसन्न रहो।
कल पिताजी का पत्र मिला। उस में तुम्हारे सम्बन्ध में पढ़कर हृदय को अत्यधिक आघात लगा। मैं तुम्हें इस बात के लिए नहीं रोकेंगा कि तुम अच्छे वस्त्र धारण न करो; पर फैशनपरस्ती के चक्रव्यूह से अवश्य रोऊँगा। जो शिक्षार्थी इस चक्रव्यूह की दल-दल में फँस जाता है, वह जीवन में कभी भी सिद्धि प्राप्त नहीं कर सकता। बंधु ! सिद्धि की प्राप्ति एक तप के समान है। इसके लिए हर एक शिक्षार्थी को सादगी से रहना चाहिए और सदाचार को जीवन में अपनाना चाहिए। सादगी एवं सदाचार से आत्मा परमोज्ज्वल होती है तथा बुद्धि विकसित होती है। वास्तव में बुद्धि का विकास ही सिद्धि का सोपान है। विश्व के जिन महान पुरुषों ने जीवन में सिद्धि प्राप्त करके अपने नाम को उज्ज्वल किया है, सादगी और सदाचार ही उनके जीवन का मूल मंत्र रहा है।
तुम्हें भी सादगी और सदाचार के पथ पर चलकर, उन्हीं की भाँति अपना नाम उज्ज्वल करना चाहिए।
आशा करता हूँ, मेरा यह पत्र तुम्हारा मार्ग प्रशस्त करेगा ।।
तुम्हारा अग्रज,
रवीन्द्र
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प्रिय प्रफुल्ल,
प्रसन्न रहो।
कल पिताजी का पत्र मिला। उस में तुम्हारे सम्बन्ध में पढ़कर हृदय को अत्यधिक आघात लगा। मैं तुम्हें इस बात के लिए नहीं रोकेंगा कि तुम अच्छे वस्त्र धारण न करो; पर फैशनपरस्ती के चक्रव्यूह से अवश्य रोऊँगा। जो शिक्षार्थी इस चक्रव्यूह की दल-दल में फँस जाता है, वह जीवन में कभी भी सिद्धि प्राप्त नहीं कर सकता। बंधु ! सिद्धि की प्राप्ति एक तप के समान है। इसके लिए हर एक शिक्षार्थी को सादगी से रहना चाहिए और सदाचार को जीवन में अपनाना चाहिए। सादगी एवं सदाचार से आत्मा परमोज्ज्वल होती है तथा बुद्धि विकसित होती है। वास्तव में बुद्धि का विकास ही सिद्धि का सोपान है। विश्व के जिन महान पुरुषों ने जीवन में सिद्धि प्राप्त करके अपने नाम को उज्ज्वल किया है, सादगी और सदाचार ही उनके जीवन का मूल मंत्र रहा है।
तुम्हें भी सादगी और सदाचार के पथ पर चलकर, उन्हीं की भाँति अपना नाम उज्ज्वल करना चाहिए।
आशा करता हूँ, मेरा यह पत्र तुम्हारा मार्ग प्रशस्त करेगा ।।
तुम्हारा अग्रज,
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