India Languages, asked by RajveerBajaj, 8 months ago

sadachar pe 5 shlok aur bhavarth​

Answers

Answered by hempushpasharma0519
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1: स्वभावो नोपदेशेन शक्यते कर्तुमन्यथा !

सुतप्तमपि पानीयं पुनर्गच्छति शीतताम् !!

हिन्दी अर्थ : किसी व्यक्ति को आप चाहे कितनी ही सलाह दे दो किन्तु उसका मूल स्वभाव नहीं बदलता ठीक उसी तरह जैसे ठन्डे पानी को उबालने पर तो वह गर्म हो जाता है लेकिन बाद में वह पुनः ठंडा हो जाता है.

2: अनाहूतः प्रविशति अपृष्टो बहु भाषते !

अविश्वस्ते विश्वसिति मूढचेता नराधमः !!

हिन्दी अर्थ : किसी जगह पर बिना बुलाये चले जाना, बिना पूछे बहुत अधिक बोलते रहना, जिस चीज या व्यक्ति पर विश्वास नहीं करना चाहिए उस पर विश्वास करना मुर्ख लोगो के लक्षण होते है.

3: यथा चित्तं तथा वाचो यथा वाचस्तथा क्रियाः !

चित्ते वाचि क्रियायांच साधुनामेक्रूपता !!

हिन्दी अर्थ : अच्छे लोग वही बात बोलते है जो उनके मन में होती है. अच्छे लोग जो बोलते है वही करते है. ऐसे पुरुषो के मन, वचन व कर्म में समानता होती है.

4: षड् दोषाः पुरुषेणेह हातव्या भूतिमिच्छता !

निद्रा तद्रा भयं क्रोधः आलस्यं दीर्घसूत्रता !!

हिन्दी अर्थ : किसी व्यक्ति के बर्बाद होने के 6 लक्षण होते है – नींद, गुस्सा, भय, तन्द्रा, आलस्य और काम को टालने की आदत.

5: द्वौ अम्भसि निवेष्टव्यौ गले बद्ध्वा दृढां शिलाम् !

धनवन्तम् अदातारम् दरिद्रं च अतपस्विनम् !!

हिन्दी अर्थ : दो प्रकार के लोगो के गले में पत्थर बांधकर उन्हें समुद्र में फेंक देना चाहिए. पहले वे व्यक्ति जो अमीर होते है पर दान नहीं करते और दूसरे वे जो गरीब होते है लेकिन कठिन परिश्रम नहीं करते.

6: यस्तु सञ्चरते देशान् सेवते यस्तु पण्डितान् !

तस्य विस्तारिता बुद्धिस्तैलबिन्दुरिवाम्भसि !!

हिन्दी अर्थ : वह व्यक्ति जो अलग – अलग जगहों या देशो में घूमता है और विद्वानों की सेवा करता है उसकी बुद्धि उसी तरह से बढती है जैसे तेल का बूंद पानी में गिरने के बाद फ़ैल जाता है.

7: परो अपि हितवान् बन्धुः बन्धुः अपि अहितः परः !

अहितः देहजः व्याधिः हितम् आरण्यं औषधम् !!

हिन्दी अर्थ : अगर कोई अपरिचित व्यक्ति आपकी सहायता करे तो उसे अपने परिवार के सदस्य की तरह ही महत्व दे वही अगर आपका परिवार का व्यक्ति आपको नुकसान पहुंचाए तो उसे महत्व देना बंद कर दे. ठीक उसी तरह जैसे शरीर के किसी अंग में चोट लगने पर हमें तकलीफ पहुँचती है वही जंगल की औषधि हमारे लिए फायदेमंद होती है.

8: येषां न विद्या न तपो न दानं ज्ञानं न शीलं न गुणो न धर्मः !

ते मर्त्यलोके भुविभारभूता मनुष्यरूपेण मृगाश्चरन्ति !!

हिन्दी अर्थ : जिन लोगो के पास विद्या, तप, दान, शील, गुण और धर्म नहीं होता. ऐसे लोग इस धरती के लिए भार है और मनुष्य के रूप में जानवर बनकर घूमते है.

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