Hindi, asked by khushboo9281, 11 months ago

Sadak durghatna Ka Chitra varnan​

Answers

Answered by yogendratiwari5042
10

Answer:किसी के जीवन को संकट में डाल देते हैं।

ऐसी ही एक हदय विदारक सड़क दुर्घटना 31 दिसम्बर, 2015 को घटी। वातावरण में रंगीनी थी। हर व्यक्ति वर्ष के अन्तिम दिन को जी लेना चाहता था। मैं भी अपने परिवार के साथ नये वर्ष की पूर्व संध्या के एक आयोजन से लौट रहा था। हमने देखा कि कुछ नौजवान लड़के मोटर साईकिलों पर तेजी से हम से आगे निकल गये। उन्होंने न तो लालबत्ती देखी और न ही चौराहे पर अपनी गति कम की। एक बार तो हम डर गये। वह सब लड़के बातें करते हुये शरारतें करते हुए अपनी धुन में जा रहे थे।

इतने में क्या देखते हैं कि एक तीखे मोड़ पर मुड़ते वक्त सामने से आती हुई कार को वह देख नहीं पाये और उससे जा टकराये। हम कार से उतरकर वहाँ रूक गये। क्षण में जीते जागते नौजवान बेसुध हो गये। एक मोटर साईकिल पर सवार दोनों लड़के तो सिर पर चोट लगने से वहीं घटना स्थाल पर ही मर गये एवं अन्य दो बुरी तरह घायल हो गये। वह बुरी तरह छटपटा रहे थे। चारों ओर खून फैला पड़ा था। उनकी चीख पुकार से वातावरण गूँज रहा था।

आस पास के लोग वहाँ जमा होने लगे। उन्होंने उन दोनों को संभाला। दोनों जो घायल थे, उन्हें एक गाड़ी में अस्पताल ले जाने लगे। लोगों की भीड़ को हटाते तब तक पुलिस भी पहुँच गयी। कार का ड्राइवर भाग गया। लोगों की बातों से ज्ञात हुआ कि लड़कों ने शराब पी रखी थी। हम अधिक देर वहाँ नहीं ठहर सके।

इस दुर्घटना का प्रभाव मेरे दिलो दिमाग पर बहुत दिनों तक रहा। मैं आज भी सड़क दुर्घटना के उस दृश्य को याद करके काँप उठता हूँ।

Explanation:


yogendratiwari5042: Kis class me ho ap
khushboo9281: 10
khushboo9281: in which class u r
yogendratiwari5042: Is sal 11th
khushboo9281: oo
khushboo9281: ok
yogendratiwari5042: Hi yrr
yogendratiwari5042: Sorry
yogendratiwari5042: Hii gm
yogendratiwari5042: Hii
Answered by yogendratiwari5042
4

Answer:किसी के जीवन को संकट में डाल देते हैं।

ऐसी ही एक हदय विदारक सड़क दुर्घटना 31 दिसम्बर, 2015 को घटी। वातावरण में रंगीनी थी। हर व्यक्ति वर्ष के अन्तिम दिन को जी लेना चाहता था। मैं भी अपने परिवार के साथ नये वर्ष की पूर्व संध्या के एक आयोजन से लौट रहा था। हमने देखा कि कुछ नौजवान लड़के मोटर साईकिलों पर तेजी से हम से आगे निकल गये। उन्होंने न तो लालबत्ती देखी और न ही चौराहे पर अपनी गति कम की। एक बार तो हम डर गये। वह सब लड़के बातें करते हुये शरारतें करते हुए अपनी धुन में जा रहे थे।

इतने में क्या देखते हैं कि एक तीखे मोड़ पर मुड़ते वक्त सामने से आती हुई कार को वह देख नहीं पाये और उससे जा टकराये। हम कार से उतरकर वहाँ रूक गये। क्षण में जीते जागते नौजवान बेसुध हो गये। एक मोटर साईकिल पर सवार दोनों लड़के तो सिर पर चोट लगने से वहीं घटना स्थाल पर ही मर गये एवं अन्य दो बुरी तरह घायल हो गये। वह बुरी तरह छटपटा रहे थे। चारों ओर खून फैला पड़ा था। उनकी चीख पुकार से वातावरण गूँज रहा था।

आस पास के लोग वहाँ जमा होने लगे। उन्होंने उन दोनों को संभाला। दोनों जो घायल थे, उन्हें एक गाड़ी में अस्पताल ले जाने लगे। लोगों की भीड़ को हटाते तब तक पुलिस भी पहुँच गयी। कार का ड्राइवर भाग गया। लोगों की बातों से ज्ञात हुआ कि लड़कों ने शराब पी रखी थी। हम अधिक देर वहाँ नहीं ठहर सके।

इस दुर्घटना का प्रभाव मेरे दिलो दिमाग पर बहुत दिनों तक रहा। मैं आज भी सड़क दुर्घटना के उस दृश्य को याद करके काँप उठता हूँ।

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