sadhu ki jati na puchne ki baat keh kar kavi kis samajik kuriti ko dhoor karne ka prayas karta hai ? spasht kijiye
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यहां पर कवि जाति के भेदभाव की कुकरेती को दूर करने का प्रयास कर रहा है। क्योंकि जाति के भेदभाव के कारण लोग एक दूसरे को बड़ा या छोटा समझने लगते हैं जो कि अच्छी बात नहीं है।
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