Safalta ka pad parichay dain
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For example: परिश्रम सफलता की कुंजी है।
परिश्रम- भाववाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग, 'सफलता' विशेष्य का विशेषण।
Safalta – Bhavwachak sangya , AK wachan , Striling ,Visheshya ka visheshan hai .
सफलता = संज्ञा (भाववाचक) , स्त्रीलिंग , एकवचन , कर्ता कारक।
Explanation:
कोई भी वाक्य अनेक शब्दों से मिलकर बना होता है, उन शब्दों का भी अपना एक परिचय होता है कि व्याकरण की दृष्टि से किसी श्रेणी में आते हैं।
कोई भी शब्द स्वतंत्र रूप से शब्द होता है, लेकिन जब वह किसी वाक्य में प्रयोग में लाया जाता है, तो वह एक पद बन जाता है, और फिर उसका एक परिचय होता है।
सरल शब्दों में कहें कि जिस प्रकार एक व्यक्ति का परिचय होता है, जैसे कि उसका नाम, लिंग, आयु, जाति आदि उसी प्रकार उन पदों का भी एक व्याकरणीय परिचय होता है जिसे ‘पद-परिचय’ कहते हैं।
किसी पद के निम्नलिखित परिचय हो सकते हैं...
- संज्ञा का पद-परिचय
- सर्वनाम का पद परिचय
- लिंग के भेद
- क्रिया का पद-परिचय
- क्रिया-विशेषण का पद परिचय
- विशेषण का पद-परिचय
- कर्ताकारक, कर्मकारक या क्रिया से संबंध
- संबंधबोधक
- समुच्यबोधक
- विस्मयबोधक