Hindi, asked by amankumar1712003, 6 months ago

safalta prapt karne ke liye mehnat karni padti hai aap kya sochte hain give answer in hindi

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Answered by Anonymous
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जैसे एक डायलाग है “किसी चीज को सच्चे दिल से चाहो तो पूरी कायनात उसे आपसे मिलाने लग जाती है” जबकि यह बिलकुल भी सच नहीं है ऐसे ना जाने कितने लोग होंगे जो अच्छा सोचते है उनकी सोच भी अच्छी है और उनको विश्वास है की मैं ये बन सकता हूँ, मैं ये कर सकता हूँ, इसे मैं पा सकता हूँ।लेकिन एक चीज है जो वो नहीं करते है और वही उनकी समस्या का कारण है “वे हर रोज लगातार मेहनत नहीं करते” लगातार एक्शन नहीं लेते और वो भी पुरे ध्यान के साथ में. जिस तरीके से वो बच्चा बारिश को पुरे ध्यान से एन्जॉय कर रहा था।

सकारात्मक सोचना, अच्छा सोचना, इच्छाएं रखना, सपने देखना, ख्वाब रखना सब जरूरी है लेकिन इसका अगला कदम है “पुरे ध्यान के साथ में एक्शन लेना“ ज्यादातर लोग किसी भी कामयाब इंसान के पैसे, लेवल्स, नाम, उसने जो पाया है या जो वो बन गया है उसी को देखते है और कहते है की “मैं उनकी तरह कभी नहीं बन सकता” उसकी किस्मत अच्छी थी।

प्रश्न उचित है किंतु सफलता प्राप्ति के लिए मेहनत का कोई निर्धारित पैमाना नही होता।मेहनत कीजिये निरन्तर लगे रहिये एक जुनून सा जगाना होता है तब कहीं जा कर सफलता का परचम लहराया जा सकता है।

कड़ी मेहनत ,आत्मविश्वास,सकारात्मक चिंतन और निरन्तर प्रयास से हम सफलता प्राप्त कर सकते है।सिर्फ भाग्य के भरोसे नही बैठा जा सकता।

कहा भी गया है

“उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः ।

न हि सुप्तस्य सिंहस्य प्रविशन्ति मुखे मृगाः ॥”

कोई भी काम कड़ी मेहनत से ही पूरा होता है सिर्फ सोचने भर से नहीं| कभी भी सोते हुए शेर के मुंह में हिरण खुद नहीं आ जाता है।

तो लगे रहिये एक जूनून सा जगाइए,लग्न की लौ प्रज्वलित करें ह्रदय में फिर देखिए सफलता निश्चित कदम चूमेगी ।।

धन्यवाद

Answered by 2008shrishti
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Answer:

जैसे एक डायलाग है “किसी चीज को सच्चे दिल से चाहो तो पूरी कायनात उसे आपसे मिलाने लग जाती है” जबकि यह बिलकुल भी सच नहीं है ऐसे ना जाने कितने लोग होंगे जो अच्छा सोचते है उनकी सोच भी अच्छी है और उनको विश्वास है की मैं ये बन सकता हूँ, मैं ये कर सकता हूँ, इसे मैं पा सकता हूँ।लेकिन एक चीज है जो वो नहीं करते है और वही उनकी समस्या का कारण है “वे हर रोज लगातार मेहनत नहीं करते” लगातार एक्शन नहीं लेते और वो भी पुरे ध्यान के साथ में. जिस तरीके से वो बच्चा बारिश को पुरे ध्यान से एन्जॉय कर रहा था।

सकारात्मक सोचना, अच्छा सोचना, इच्छाएं रखना, सपने देखना, ख्वाब रखना सब जरूरी है लेकिन इसका अगला कदम है “पुरे ध्यान के साथ में एक्शन लेना“ ज्यादातर लोग किसी भी कामयाब इंसान के पैसे, लेवल्स, नाम, उसने जो पाया है या जो वो बन गया है उसी को देखते है और कहते है की “मैं उनकी तरह कभी नहीं बन सकता” उसकी किस्मत अच्छी थी।

प्रश्न उचित है किंतु सफलता प्राप्ति के लिए मेहनत का कोई निर्धारित पैमाना नही होता।मेहनत कीजिये निरन्तर लगे रहिये एक जुनून सा जगाना होता है तब कहीं जा कर सफलता का परचम लहराया जा सकता है।

कड़ी मेहनत ,आत्मविश्वास,सकारात्मक चिंतन और निरन्तर प्रयास से हम सफलता प्राप्त कर सकते है।सिर्फ भाग्य के भरोसे नही बैठा जा सकता।

कहा भी गया है

“उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः ।

न हि सुप्तस्य सिंहस्य प्रविशन्ति मुखे मृगाः ॥”

कोई भी काम कड़ी मेहनत से ही पूरा होता है सिर्फ सोचने भर से नहीं| कभी भी सोते हुए शेर के मुंह में हिरण खुद नहीं आ जाता है।

तो लगे रहिये एक जूनून सा जगाइए,लग्न की लौ प्रज्वलित करें ह्रदय में फिर देखिए सफलता निश्चित कदम चूमेगी ।।

धन्यवाद

Explanation:

Hope this answer will help you.

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