safed kranti and dudh kranti
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श्वेत क्रांति के सूत्रधार वर्गीज कुरियन ने गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन की स्थापना के जरिए पशुपालकों और किसानों को उनके हक और उनमें छिपी हुई संभावनाओं से रूबरू कराया। अगर आज देश भर में अमूल ब्रांड के डेयरी प्रोडक्टस की डिमांड है तो इसका श्रेय कुरियन को जाता है। ऑपरेशन फ्लड या श्वेत क्रांति के आगाज में उनके योगदान को कौन भूल सकता है। देश में श्वेत क्रांति के जनक और मिल्कमैन के नाम से मशहूर वर्गीज कुरियन की अथक मेहनत का ही नतीजा था कि दूध की कमी वाला यह देश दुनिया के सबसे बड़े दूध उत्पादक देशों में शामिल हुआ। तभी तो पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कुरियन को देश के सहकारी आंदोलन और डेयरी उद्योग के विकास का आधार देने वाला असाधारण शख्स बताया था। कुरियन देश के सहकारी आंदोलन और डेयरी उद्योग के एक आदर्श पुरुष थे। कुरियन का सबसे ज्यादा अहम योगदान बिचौलियों की बजाए किसानों को सीधे कंपनी से जोड़ने का रहा है।
श्वेत क्रांति के जनक वर्गीज कुरियन के प्रयासों की वजह से आज भारत दुनिया के दुग्ध उत्पादक देशों में सबसे आगे है। वर्गीज कुरियन दुनिया में सबसे बड़े डेयरी विकास कार्यक्रम 'ऑपरेशन फ्लड' के वास्तुकार थे। डॉ. कुरियन ने आनंद (गुजरात ) सहकारी डेयरी विकास की स्थापना की, सफेद क्रांति का निर्माण किया और भारत को दुनिया में सबसे बड़ा दूध उत्पादक बनाया। वर्गीज कुरियन का जन्म 26 नवंबर 1921 को कालीकट के एक ईसाई परिवार में हुआ था और इनकी मृत्यु 90 वर्ष की उम्र में 9 सितम्बर 2012 को हुई।
मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में मास्टर डॉ. कुरियन ने एक भारतीय राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को इस तरह स्थापित कर दिया कि उसने 1949 के बाद से कभी मंदी नहीं देखी। उन्होंने एक शिशु सहकारी दूध उत्पादक संघ के लिए एक प्रसंस्करण संयंत्र की स्थापना की और भारत में डेयरी किसानों के विकास को ज़मीनी स्तर से ऊपर उठाया। गुजरात के एक अंग्रेज़ी चैनल बीबीएन न्यूज़ को डॉ. कुरियन के ख़ास दोस्त एब्रिल एसजे ने एक इंटरव्यू दिया था, जिसमें उन्होंने डॉ. कुरियन के बारे में कुछ अलग बातें बताई हैं।