सगुण भक्ती काव्य धारा का परीचय देते हुए सामान्य विशेषताओ पर पकाश डालिए
Answers
Answered by
3
सगुण भक्ति का अर्थ है- आराध्य के रूप – गुण, आकर की कल्पना अपने भावानुरूप कर उसे अपने बीच व्याप्त देखना. सगुण भक्ति में ब्रह्म के अवतार रूप की प्रतिष्ठा है और अवतारवाद पुराणों के साथ प्रचार में आया. इसी से विष्णु अथवा ब्रह्म के दो अवतार राम और कृष्ण के उपासक जन-जन के ह्रदय में बसने लगे.सगुण संप्रदाय वैष्णव धर्म से पोषण प्राप्त करता है। इस संप्रदाय की दोनों शाखाओं रामभक्ति धारा और कृष्णभक्ति धारा में ईश्वर सगुण है।इन्होंने ज्ञान, कर्म और भक्ति में से भक्ति में से भक्ति को ही अपने उपजीव्य के रूप में ग्रहण किया।
COMPLETE ANSWER FOR YOUR QUESTION
DON'T FORGET TO GIVE ❤️
Similar questions