Biology, asked by sushmanegi36, 11 months ago

सगर्भता तथा भ्रूणीय परिवर्धन किसे कहते हैं​

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Answered by anjuv8519
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Explanation:

सगर्भता -

अन्तर्रोपण के पश्चात पोषकोरक पर एक अँगुलीनुमा उभार बनता है। जिसे जरायु अंकुरक कहते है। यह अंकुरक परिवर्धित होकर अपरा का निर्माण करता है।

मानव में प्लेसेंटा के निर्माण के लिए दो झिल्लियों कोरियोनिक झिल्ली तथा एलेंटोनिक झिल्ली भाग लेती है। इसलिए मानव के प्लेसेंटा को कोरियो-एलेंटोइक झिल्ली कहते है। इन दोनों झिल्लियों का निर्माण पोषकोरक द्वारा होता है।

प्लेसेंटा भुर्ण और मातृ शरीर के साथ संरचनात्मक तथा क्रियात्मक इकाई का कार्य करता है। इसके द्वारा ऑक्सीजन तथा पोषक पदार्थो की आपूर्ति तथा अपशिष्ट पदार्थ और कार्बन डाई ऑक्साइड को बाहर निकलने का कार्य किया जाता है।

प्लेसेंटा नाभि रज्जु (AMBILICAL CORD) द्वारा भुर्ण से जुड़ता है।

अपरा या प्लेसेंटा के द्वारा अन्तःस्त्रावी के रूप में एस्ट्रोजन, प्रोजेस्ट्रन, मानव अपरा लेक्टोजेन (HPL), मानव जरायु गोनेड़ोट्रपिन (HCG) आदि हॉर्मोन का स्त्राव किया जाता है।

अन्तर्रोपण के पश्चात ब्लास्टुला गेस्टुला में बदलता है। जिसमे अंतर कोशिका समूह द्वारा एक्टोडर्म एन्डोडर्म तथा मिजोडर्म का निर्माण किया जाता है।

तीनों भूर्णीय स्तर अलग-अलग अंगो का निर्माण करते है। अंगो के निर्माण की प्रक्रिया organogenesis कहलाती है।

भूर्णीय परिवर्धन -

प्रथम माह :- भूर्ण का ह्रदय निर्मित होता है।

द्वितीय माह :- भूर्ण के पाद व अँगुलियों का विकास होता है।

तृतीय माह :- भूर्ण के सभी प्रमुख अंग तंत्रों की रचना: होती है। बाह्य जननांग बन जाते है।

पंचम माह:- गर्भ की पहली गतिशीलता व सिर पर बालो का विकास होता है।

छटे माह :-पुरे शरीर पर कोमल बाल व आँखों पर बिरोनिया बन जाती है। एव आँखों की पलके अलग-अलग हो जाती है।

नवे माह :- गर्भ पूर्ण रूप से विकसित व प्रसव के लिए तैयार

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