Hindi, asked by iqra187, 1 month ago

sagun bhakti aur nirgur bhakti mai kya antar h​

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Answered by prince2000malik
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‌‌‌निर्गुण भक्ति जो इंसान करता है। वह यह मानता है कि ईश्वर का कोई आकार नहीं होता है। ईश्वर निराकर है। और उसको एक निश्चित आकार नहीं दिया जा सकता । इस वजह से निर्गुण भक्ति करने वाले लोग किसी भी देवता और देवी को नहीं मानते हैं। इस संबंध मे सबसे बड़ा उदाहरण कबीर दास जी का जो एक निर्गुण ‌‌‌भक्ति के सबसे बड़े अनुयायी थे । इसके अलावा आज भी बहुत से लोग निर्गुण भक्ति मे विश्वास करते हैं।

सगुण भक्ति के अंदर ईश्वर को एक आकार दिया जाता है। जैसे राम की फोटो लगाकर उसके आगे अगरबती करना एक तरह की सगुण भक्ति ही कहलाती है। यदि आप मंदिर जाते हैं तो यह सगुण भक्ति का उदाहरण होगा । बहुत से लोग यह विश्वास करते हैं कि ईश्वर साकार है । हालांकि यह कहा नहीं जा सकता है कि ईश्वर का कोई आकार है या नहीं ? लेकिन बहुत हद तक यह बात सच जान पड़ती है कि ईश्वर का कोई आकार नहीं है।

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