Sagun or nirgun bhaktidhara ki pravertiyan btayein
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सगुण और निर्गुण भक्ति धारा मे अंतर निम्नलिखित है |
Explanation:
सगुण भक्ति धारा :-
सगुण भक्ति धारा मे लोग ईश्वर के सगुण रूप की भक्ति करते हैं ईश्वर के सगुण रूप की उपासना करते हैं |
सगुण भक्ति धारा में ईश्वर की जाति, गुण ,रूप आदि की भक्ति होती है |
सगुण भक्ति धारा में ईश्वर की महिमा को आनंत बताया गया है |
सगुण भक्ति धारा में तीर्थ यात्रा, तिलक ,संकीर्तन, नित्य ध्यान , मूर्ति पूजा , आदि को बहुत ही आवश्यक बताया गया है |
निर्गुण भक्ति धारा :-
निर्गुण भक्ति धारा में भगवान के निर्गुण स्वरूप की आराधना की जाती है
निर्गुण भक्ति धारा में ईश्वर की जाति,गुण , रंग, रूप नहीं होते हैं
निर्गुण भक्ति धारा में गुरु को ज्ञान देने वाला बताया गया है
निर्गुण भक्ति धारा में जयमाला ,तिलक, नमाज ,रोजा ,मस्जिद ,मंदिर, तीर्थ यात्रा आदि को महत्व नहीं दिया गया है
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