Hindi, asked by madhvishukla85417, 12 days ago

सहेली के घर जन्मदिन के अवसर पर जाने हेतु मां बेटी के बीच संवाद लिखिए​

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Answered by vikas9975
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आजकल महँगाई बढ़ती ही जा रही है। इससे परेशान दो महिलाओं की बातचीत को संवाद के रूप में लिखिए।

उत्तर:

रचना – अलका बहन नमस्ते! कैसी हो?

अलका – नमस्ते रचना, मैं ठीक हूँ पर महँगाई ने दुखी कर दिया है।

रचना – ठीक कहती हो बहन, अब तो हर वस्तु के दाम आसमान छूने लगे हैं।

अलका – मेरे घर में तो नौकरी की बँधी-बधाई तनख्वाह आती है। इससे सारा बजट खराब हो गया है।

रचना – नौकरी क्या रोज़गार क्या, सभी परेशान हैं।

अलका – हद हो गई है कोई भी दाल एक सौ बीस रुपये किलो से नीचे नहीं है।

रचना – अब तो दाल-रोटी भी खाने को नहीं मिलने वाली।

अलका – बहन कल अस्सी रुपये किलो तोरी और साठ रुपये किलो टमाटर खरीदकर लाई। आटा, चीनी, दाल, चावल मसाले दूध सभी में आग लगी है।

रचना – फल ही कौन से सस्ते हैं। सौ रुपये प्रति किलो से कम कोई भी फल नहीं हैं। अब तो लगता है कि डाक टर जब लिखेगा तभी फल खाने को मिलेगा।

अलका – सरकार भी कुछ नहीं करती महँगाई कम करने के लिए। वैसे जनता की भलाई के दावे करती है। जमाखोरों पर कार्यवाही भी नहीं करती है।

रचना – नेतागण व्यापारियों से चुनाव में मोटा चंदा लेते हैं फिर सरकार बनाने पर कार्यवाही कैसे करे।

अलका – गरीबों को तो ऐसे ही पिसना होगा। इनके बारे में कोई नहीं सोचता।

प्रश्नः 2.

यमुना की दुर्दशा पर दो मित्रों की बातचीत को संवाद के रूप में लिखिए।

उत्तर:

अजय – नमस्कार भाई साहब, शायद आप दिल्ली के बाहर से आए हैं।

प्रताप – नमस्कार भाई, ठीक पहचाना तुमने, मैं हरियाणा से आया हूँ।

अजय – मैं भी अलवर से आया हूँ। तुम यहाँ कैसे?

प्रताप – दिल्ली आया था। सोचा सवेरे-सवेरे यमुना में स्नान कर लेता हूँ पर

अजय – कल मेरा यहाँ साक्षात्कार था और आज कुछ और काम था। मैं भी यहाँ स्नान के लिए आया था।

प्रताप – इतनी गंदी नदी में कैसे नहाया जाए?

अजय – मैंने भी यमुना का बड़ा नाम सुना था, पर यहाँ ती उसका उल्टा निकला।

प्रताप – इसका पानी तो काला पड़ गया है।

अजय – फैक्ट्रियों और घरों का पानी लाने वाले कई नाले इसमें मिल जाते हैं न।

प्रताप – देखो, वे सज्जन फूल मालाएँ और राख फेंककर पुण्य कमा रहे हैं।

अजय – इनके जैसे लोग ही तो नदियों को गंदा करते हैं।

प्रताप – सरकार को नदियों की सफ़ाई पर ध्यान देना चाहिए।

अजय – केवल सरकार को दोष देने से कुछ नहीं होने वाला। हमें खुद सुधरना होगा।

प्रताप – ठीक कहते हो। यदि सभी ऐसा सोचें तब न।

अजय – यहाँ की शीतल हवा से मन प्रसन्न हो गया। अब चलते हैं।

प्रताप – ठीक कहते हो। अब हमें चलना चाहिए।

Answered by Arnavpandey002
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Answer:

hi mate I am in your school St Joseph's school korabar you are in class 6 A my name is Arnav Pandey

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