सहानुभूति चाहिए, महाविभूति है यही; वशीकृता सदैव है बनी हुई सवयं मही| विरुद्धवाद बुद्ध का दया प्रभाव में बहा, विनीत लोक वर्ग क्या न सामने झुका रहा ? अहा! वही उदार है परोपकार जो करे , वही मनुष्य है जो मनुष्य के लिए मरे
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sorry I can't understand hindi
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