सही विकल्प चुनिए
(0) 'घर की याद' कविता में कवि के पिता कौन सा पाठ करते हैं?
(क) कविता पाठ
(ख) रामायण पाठ
(ग) गायत्री पाठ
(घ) गीता पाठ
(ii) "तेरे दिमाग में तो लोहा भरा है रे! विद्या का ताप कहाँ लगेगा इसमें?", यह
वाक्य है
(क) वंशीधर का
(ख) धनराज का
(ग) त्रिलोक सिंह का
(घ) पुरोहित का
Answers
त्रिलोक सिंह , गीता का पाठ
Explanation:
"तेरे दिमाग में तो लोहा भरा है रे! विद्या का ताप कहाँ लगेगा इसमें?", यह वाक्य त्रिलोक सिंह का है
विकल्प C उत्तर है।
मास्टर त्रिलोक सिंह अपने छात्रों से कहते हैं कि उनका दिमाग पहले से ही भरा हुआ है और उनके पास उनकी शिक्षाओं से अधिक आत्मसात करने के लिए जगह नहीं है।
'घर की याद' कविता में कवि के पिता गीता का पाठ करते हैं
घर की याद भवानी प्रसाद मिश्र की लिखी कविता है। यह जेल में उनके दिनों के बारे में लिखी गई एक कविता है जिसमें वे अपने परिवार के सदस्यों के बारे में याद करते हैं।
विकल्प D उत्तर है।
सही विकल्प चुनिए :-
प्रश्न (i) :- घर की याद' कविता में कवि के पिता कौन सा पाठ करते हैं?
(क) कविता पाठ
(ख) रामायण पाठ
(ग) गायत्री पाठ
(घ) गीता पाठ
उतर :- (घ) गीता पाठ l
व्याख्या :- भवानी प्रसाद मिश्र द्वारा लिखित कविता ' घर की याद ' में कवि के पिता ' गीता का पाठ ' करते है l
प्रश्न (ii) :- "तेरे दिमाग में तो लोहा भरा है रे! विद्या का ताप कहाँ लगेगा इसमें ?", यह वाक्य है
(क) वंशीधर का
(ख) धनराज का
(ग) त्रिलोक सिंह का
(घ) पुरोहित का
उतर :- (ग) त्रिलोक सिंह का l
व्याख्या :- यह वाक्य ' मास्टर त्रिलोक सिंह ' द्वारा लिखित कहानी ' गलता लोहा ' में है l
जिस समय धनराम तेरह का पहाड़ा नहीं सुना सका तो मास्टर त्रिलोक सिंह ने जबान के चाबुक लगाते हुए कहा कि ‘तेरे दिमाग में तो लोहा भरा है रे! विद्या का ताप कहाँ लगेगा इसमें ?’
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