Sociology, asked by arvind3095, 6 hours ago

सहगामी अधिगम में शिक्षक की भूमिका समझायें​

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Answered by misstimepass1
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विद्यालय में समस्त क्रियाओं की व्यवस्था और उनका कुशल संचालन केवल प्रधानाध्यापक का ही कर्तव्य नहीं है,अपितु विद्यालय का अभिन्न अंग होने के कारण विद्यालय के प्रत्येक कार्य समय सारणी बनाना, पाठ्य सहगामी क्रियाओं का आयोजन करना, और संचालन करना आदि में प्रधानाध्यापक का पूर्णतः सहगामी होना एवं उनकी सफलता के साथ पूरा करने का ...

Answered by divyanjali714
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विद्यार्थियों के साथ-साथ उनके शिक्षक को भी अधिगमकर्ता शिक्षक के लिए विषय के शिक्षण के पूर्व विषय का अध्ययन, कक्षा शिक्षण की पाठ योजना व शिक्षण विधि की, सहायक शिक्षण सामग्री प्रदर्शित करने व स्वयं बनाने की तैयारी करनी होती है। यह तैयारी उनकी सहअधिगमकर्ता की भूमिका को स्पष्ट करती है। प्रदर्शन (डिमांस्ट्रेशन) प्रयोगशाला तथा फिल्म वीडियो आदि से शिक्षण में छात्र को सिखाते समय शिक्षक स्वयं भी अधिगम तथा उसका विश्लेषण व्याख्या करते रहते हैं। शिक्षक की स्वाध्याय की प्रवृत्ति उनकी वृत्ति (प्रोफेशन) का अनिवार्य अंग होती है। पाठ्यक्रम बदलने या नई विषयवस्तु के पाठ्यक्रम में जुड़ने पर उनका स्वाध्याय व अधिगमकर्ता का दायित्व और बढ़ जाता है। जब शिक्षक कक्षा के बाहर फील्ड में छात्रों को सिखाते हैं तो वे स्वयं भी समझते चलते हैं। शिक्षण द्विमुखी प्रक्रिया तथा त्रिमुखी प्रक्रिया माना जाता है अतः सहअधिगमकर्ता होना शिक्षक की भूमिका का अविभाज्य अंग है।

#SPJ3

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