सहज पाठ के आधार पर बड़े दांत पर टिप्पणी लिखो
Answers
कवि कह रहा है कि शहरों में गगनचुंबी इमारतें खड़ी हैं लेकिन आपस में प्रेम, स्नेह, सौहार्द की भावना नहीं है। ऊंची इमारतें हैं लेकिन आंगन बिना प्रेम और स्नेह के सूने हैं।
(ख) जीवन की चमक-दमक और आपाधापी देखकर कवि को लगता है कि सूर्य कह द्वार से ही न लौट जाए।
(ग) आज रिश्तों में प्यार और अपनापन नहीं रह गया है, यही, कारण कवि को रिश्तों के डरे-डरे होने का लगता है।
(घ) अंधकार।
(ङ) कवि ने संदेश दिया है कि आज हम ऊंचे-ऊंचे भवनों में रहकर प्यार, प्रेम, स्नेह और अपनापन खो बैठे हैं।
अथवा
(क) कवि बाधाओं का सिर कुचलकर आगे बढ़ जाता है।
(ख) कवि बाधाओं से न घबराने की प्रेरणा दे रहा है। कवि कहता है कि जितना ही हम बाधाओं से दूर भागते हैं ये हमारा पीछा करती हैं इसलिए निडर होकर हमें बाधाओं का सामना करना चाहिए।
(ग) स्वयं को।
(घ) बड़ी से बड़ी विघ्र बाधाएँ।
(ङ) कवि स्वयं को जीवन की नैया का चतुर खिवैया कहता