) सहर्ष स्वीकारा है' शीर्षक कविता में किस
भाव की प्रधानता है ?
(ख) कठोरता
(ग) विनयता (घ) दूरदर्शिता।
(क) क्रूरता
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कविता में doordarshita bhaw की प्रधानता है
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सही विकल्प होगा...
✔ (ग) विनयता
स्पष्टीकरण ⦂
‘सहर्ष स्वीकारा है’ कविता में विनयता के भाव की प्रधानता है। ‘सहर्ष स्वीकारा है’ कविता गजानन माधव मुक्तिबोध द्वारा लिखी गई एक कविता है, जिसमें उन्होंने अपने जीवन के खट्टे मीठे अनुभव के विषय में वर्णन किया है। उन्होंने अपने जीवन की सभी अच्छे बुरी अनुभूतियों और सुख-दुख वाली परिस्थितियों को सहर्ष स्वीकारा है। उनकी इस स्वीकारोक्ति में विनयता का भाव है। उनका सारा जीवन अपनी प्रेयसी की संवेदना से जुड़ा हुआ था। वह अपनी प्रेयसी की यादों के सहारे जीवन बिता देना चाहते हैं।
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