sahitya ki अावशयकता kyu hoti hai
Answers
Answer:
साहित्य शब्द का विग्रह दो तरह से किया जा सकता है। सहित = स+हित = सहभाव, अर्थात हित का साथ होना ही साहित्य है। साहित्य शब्द अंग्रेजी के Literature का पर्यायी है। जिसकी उत्पत्ति लैटिन शब्द Letter से हुई हैl
साहित्य का स्वरूप
भाषा के माध्यम से अपने अंतरंग की अनुभूति, अभिव्यक्ति करानेवाली ललित कला 'काव्य' अथवा 'साहित्य' कहलाती है। साहित्य की व्यूत्पति को ध्यान में रखकर इस शब्द के अनेक अर्थ प्रस्तुत किए गए है। 'यत' प्रत्यय के योग से साहित्य शब्द की निर्मिति हुई है। शब्द और अर्थ का सहभाव ही साहित्य है। कुछ विद्वानों के अनुसार हितकारक रचना का नाम साहित्य है।
साहित्य शब्द का प्रयोग 7-8 वीं शताब्दी से मिलता है। इससे पूर्व साहित्य शब्द के लिए काव्य शब्द का प्रयोग होता था। भाषाविज्ञान का यह नियम है, कि जब एक ही अर्थ में दो शब्दों का प्रयोग होता है, तो उनमें से एक अर्थ संकुचित या परिवर्तित होता है। संस्कृत में जब एक ही अर्थ में साहित्य और काव्य शब्द का प्रयोग होने लगा, तो धीरे-धीरे काव्य शब्द का अर्थ संकुचित होने लगा। आज काव्य का अर्थ केवल कविता है और साहित्य शब्द को व्यापक अर्थ में लिया जाता है। साहित्य का तात्पर्य अब कविता, कहानी, उपन्यास, नाटक, आत्मकथा अर्थात गद्य और पद्य की सभी विधाओं से है।
काव्य के स्वरूप को लेकर उसे परिभाषित करने का प्रयास इ.स.पूर्व 200 से अब तक हो रहा है। विविध विद्वानों ने साहित्य के लक्षण प्रस्तुत करते हुए उसे परिभाषित करने का प्रयास किया। किंतु इन प्रयासों में कहीं अतिव्याप्ति, तो कहीं अव्याप्ति का दोष है। काव्य को परिभाषित करते समय यह विद्वान अपने समकालीन साहित्य तथा साहित्य विषयक धारणाओं से प्रभवित रहे है।
संस्कृत, हिंदी और अंग्रेजी के विद्वानों द्वारा दी गई परिभाषाओं का विवेचन निम्नानुसार प्रस्तुत किया जा सकता है -
I HOPE THIS HELPS YOU OUT!!
MARK AS A BRAINLIST PLS✌