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Ch - bade ghar ki beti
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बड़े घर की बेटी
Explanation:
बड़े घर की बेटी कहानी मुंशी प्रेमचन्द द्वारा रचित है।इस कहानी में आनंदी नामक महिला के बारे में बताया गया है।आनंदी एक समृद्ध परिवार कि बेटी थी।मगर उसका विवाह एक सामान्य परिवार में हुआ।
एक संयुक्त परिवार मैं विवाह के बाद हर मुश्किल झेलती हुई आनंदी हर मुश्किल को पार करती रही उसने कभी किसी बात को बढ़ाया या कलेश नहीं बनाया।
इसीलिए कुछ समय बाद सभी लोग इस बात को मानने लगे की बड़े घर की बेटियां बोहोत अच्छे स्वभाव की होती है।
Explanation:
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Bade Ghar Ki Beti
EVERGREEN PUBLICATION Solutions for Class 10 Hindi Chapter 6 - Bade Ghar Ki Beti
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Chapter 6 - Bade Ghar Ki Beti
Page / Exercise
प्रश्न-अभ्यास
Chapter 6 - Bade Ghar Ki Beti Exercise प्रश्न-अभ्यास
Question 1
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
यह इसलिए नहीं कि उसे अपने सास-ससुर, देवर या जेठ आदि से घृणा थी बल्कि उसका विचार था कि यदि बहुत कुछ सहने पर भी परिवार के साथ निर्वाह न हो सके तो आए दिन के कलह से जीवन को नष्ट करने की अपेक्षा अच्छा है कि अपनी खिचड़ी अलग पकाई जाय।
बेनी माधव के कितने पुत्र थे उनका परिचय दें।
Solution 1
बेनी माधव के दो बेटे थे बड़े का नाम श्रीकंठ था। उसने बहुत दिनों के परिश्रम और उद्योग के बाद बी.ए. की डिग्री प्राप्त की थी और इस समय वह एक दफ़्तर में नौकर था। छोटा लड़का लाल बिहारी सिंह दोहरे बदन का सजीला जवान था।
Question 2
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
यह इसलिए नहीं कि उसे अपने सास-ससुर, देवर या जेठ आदि से घृणा थी बल्कि उसका विचार था कि यदि बहुत कुछ सहने पर भी परिवार के साथ निर्वाह न हो सके तो आए दिन के कलह से जीवन को नष्ट करने की अपेक्षा अच्छा है कि अपनी खिचड़ी अलग पकाई जाय।
श्रीकंठ कैसे विचारों के व्यक्ति थे?
Solution 2
श्रीकंठ बी.ए. इस अंग्रेजी डिग्री के अधिपति होने पर भी पाश्चात्य सामजिक प्रथाओं के विशेष प्रेमी न थे, बल्कि वे बहुधा बड़े जोर से उसकी निंदा और तिरस्कार किया करते थे। वे प्राचीन सभ्यता का गुणगान उनकी प्रकृति का प्रधान अंग था। सम्मिलित कुंटुब के तो वे एक मात्र उपासक थे। आजकल स्त्रियों में मिलजुलकर रहने में जो अरुचि थी श्रीकंठ उसे जाति और समाज के लिए हानिकारक समझते थे।
Question 3
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
यह इसलिए नहीं कि उसे अपने सास-ससुर, देवर या जेठ आदि से घृणा थी बल्कि उसका विचार था कि यदि बहुत कुछ सहने पर भी परिवार के साथ निर्वाह न हो सके तो आए दिन के कलह से जीवन को नष्ट करने की अपेक्षा अच्छा है कि अपनी खिचड़ी अलग पकाई जाय।
गाँव की स्त्रियाँ श्रीकंठ की निंदक क्यों थीं?
Solution 3
श्रीकंठ स्त्रियों में मिलजुलकर रहने में जो अरुचि थी उसे जाति और समाज के लिए हानिकारक समझते थे। वे प्राचीन सभ्यता का गुणगान और सम्मिलित कुंटुब के उपासक थे। इसलिए गाँव की स्त्रियाँ श्रीकंठ की निंदक थीं। कोई-कोई तो उन्हें अपना शत्रु समझने में भी संकोच नहीं करती थीं।