Sahityik Parichay aur jeevan parichay Mein antar
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जीवन परिचय में हम किसी व्यक्ति विशेष के जन्म, मृत्यु, परिवार, पारिवारिक सदस्यों, व्यक्तिगत गतिविधियों(जैसे विवाह आदि) पर भी ध्यान देते हैं
किंंतु, साहित्यिक परिचय में हमारा मुख्य उद्देश्य किसी साहित्यकार के साहित्यिक जीवन पर प्रकाश डालना होता है। इसमें साहित्यकार के निजी जीवन से अधिक उसकी शिक्षा, साहित्य व साहित्यिक उपलब्धियाँ अधिक महत्वपूर्ण होती हैं।
साहित्यिक परिचय और जीवन परिचय
जीवन परिचय: जीवन परिचय में मनुष्य की निजी जीवन के बारे में लिखा जाता है , जैसे उसका जन्म, घर-परिवार आदि| उसने जीवन में बचपन से बड़े तक अपने लक्ष्य कैसे हासिल किए सब लिखा जाता है|
साहित्यिक परिचय: साहित्यिक परिचय में मनुष्य के मुख्य उद्देश्य और सफलता के बारे में लिखा जाता है| मनुष्य ने अपने लक्ष्य को कैसे प्राप्त किया और जीवन में कितना अपना नाम कमाया| मनुष्य की शिक्षा , उपलब्धियां के बारे में लिखा जाता है|
रामधारी सिंह दिनकर का जीवन परिचय और साहित्यिक परिचय
जीवन परिचय: रामधारी सिंह दिनकर (23 सितंबर, 1908 – 24 अप्रैल, 1974) एक भारतीय हिंदी कवि, निबंधकार और चिकित्सक थे, जिन्हें सबसे महत्वपूर्ण आधुनिक हिंदी कवियों में से एक माना जाता है। दिनकर बिहार के बेगूसराय जिले के सिमरिया गांव में 27 सितम्बर 1908, एक गरीब भूमहार ब्राह्मण परिवार में पैदा हुए थे। एक छात्र के रूप में, दिनकर के पसंदीदा विषय इतिहास, राजनीति और दर्शनशाष्त्र थे। उन्होंने हिंदी, संस्कृत, मैथिली, बंगाली, उर्दू और अंग्रेजी साहित्य का अध्ययन किया।
साहित्यिक परिचय: श्री रामधारी सिंह ‘दिनकर’, जिसे “राष्ट्रकवि” कहा जाता है, उन्होंने अपनी प्रेरक देशभक्तिपूर्ण रचना के कारण राष्ट्रवादी भावना पैदा की। दार्शनिक-कवि, श्री दिनकर ने हिंदी साहित्यकारों में लौकिक ‘सूर्य’ की तरह बढ़ोतरी की। कार्य उनके काम ज्यादातर ‘वीर रस’ में हैं। ज़ाहिर है, उर्वशी एक अपवाद है। उनकी सबसे बड़ी कृतियां हैं – ‘रश्मिरी’ और ‘परशुराम की प्रतीक्षा’। 1959 में उन्हें “संस्कृति के चार अध्याय’ में उनके कार्य के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला। 1959 में भारत सरकार द्वारा, भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद से उन्होंने पद्मभूषण प्राप्त किया था।