Social Sciences, asked by wwwrahulnegi222, 2 months ago

sainaya vaad
का लोगों के जीवन और विचारों पर क्या प्रभाव पड़ता है​

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Answered by Anonymous
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Answer:

सैन्यवादी विचारधारा अपने सैन्य तैयारियों के पीछे तर्क देती रहती है कि 'शक्ति से ही शान्ति आती है'। दूसरे शब्दों में, उनका मानना है कि 'यदि आप शांति चाहते हैं तो युद्ध के लिये तैयार रहो।' सैन्यवाद, आधुनिक शान्तिवाद का ठीक उल्टा दर्शन है।

Explanation:

जब ब्रिटिश साम्राज्य अपने चरमोत्कर्ष पर था तब सेना के अधिकारियों के फोटो सिगरेट के खोखों पर छपते थे। नाज़ी जर्मनी में सैनिक परेड सैन्यवाद  किसी देश की सरकार या जनता की वह दर्शन है जो विश्वास करता है कि उनके देश को एक शक्तिशाली सेना बनानी एवं रखनी चाहिये तथा अपने देश के हितों की सुरक्षा करने एवं उनके संवर्धन के लिये इसका जमकर उपयोग करना चाहिये। सैन्यवादी विचारधारा अपने सैन्य तैयारियों के पीछे तर्क देती रहती है कि 'शक्ति से ही शान्ति आती है'। दूसरे शब्दों में, उनका मानना है कि 'यदि आप शांति चाहते हैं तो युद्ध के लिये तैयार रहो।' सैन्यवाद, आधुनिक शान्तिवाद का ठीक उल्टा दर्शन है। ऐतिहासिक रूप से 'सैन्यवाद' का प्रयोग उन राज्यों के लिये हुआ था जो साम्राज्यवाद की नीति पर चलने वाले थे, जैसे- स्पार्टा, ब्रितानी साम्राज्य, जापानी साम्राज्य, संयुक्त राज्य, जर्मन साम्राज्य, नाजी जर्मनी, प्रथम फ्रांसीसी साम्राज्य, फासीवादी इटली, सोवियत संघ, सद्दाम हुसैन के अधीन इराक आदि। वर्तमान समय में 'सैन्यवाद' शब्द का प्रयोग प्रायः पश्चिमी देशों के लिये किया जाता है जिनका नेतृत्व यूएस कर रहा है।

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