Hindi, asked by Anonymous, 6 hours ago

Saint Francis Xavier fest in Goa (Hindi information)​

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Answered by satbirsing9742987620
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Explanation:

फ्रांसिस ज़ेवियर का जन्म 7 अप्रैल, 1506 ई. को स्पेन में हुआ था। पुर्तगाल के राजा जॉन तृतीय तथा पोप की सहायता से वे जेसुइट मिशनरी बनाकर 7 अप्रैल 1541 ई को भारत भेजा गया और 6 मार्च 1542 ई. को गोवा पहुँचा जो पुर्तगाल के राजा के अधिकार में था। गोवा में उसने कई हिंदू मंदिर तोड़ा , सभी लोगों को क्रिश्चियन धर्म में कन्वर्ट किया और जो लोग क्रिश्चियन बनने को राजी ना हुए ऐसे हजारों हिंदू लोगों को तरह-तरह की यातनाएं देकर मौत के घाट उतार दिया। पूरे गोवा को जबरदस्ती धर्मान्तरीत करने के बाद वो मद्रास तथा त्रावणकोर गया। यहाँ मिशनरी कार्य करने के उपरांत वो 1545 ई. में मलाया प्रायद्वीप में ईसाई धर्म का प्रचार करने के लिए रवना हो गया। उसने तीन वर्ष तक धर्म प्रचारक (मिशनरी) कार्य किया। मलाया प्रायद्वीप में एक जापानी युवक से जिसका नाम हंजीरो था, उसकी मुलाकात हुई। सेंट जेवियर के उपदेश से यह युवक प्रभावित हुआ। 1549 ई. में सेंट ज़ेवियर इस युवक के साथ पहुँचा। जापानी भाषा न जानते हुए भी उन्होंने हंजीरों की सहायता से ढाई वर्ष तक प्रचार किया और बहुतों की खिष्टीय धर्म का अनुयायी बनाया।

Answered by akarvind24
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Answer:

फ्रांसिस ज़ेवियर का जन्म 7 अप्रैल, 1506 ई. को स्पेन में हुआ था। पुर्तगाल के राजा जॉन तृतीय तथा पोप की सहायता से वे जेसुइट मिशनरी बनाकर 7 अप्रैल 1541 ई को भारत भेजा गया और 6 मार्च 1542 ई. को गोवा पहुँचा जो पुर्तगाल के राजा के अधिकार में था। गोवा में उसने कई हिंदू मंदिर तोड़ा , सभी लोगों को क्रिश्चियन धर्म में कन्वर्ट किया और जो लोग क्रिश्चियन बनने को राजी ना हुए ऐसे हजारों हिंदू लोगों को तरह-तरह की यातनाएं देकर मौत के घाट उतार दिया। पूरे गोवा को जबरदस्ती धर्मान्तरीत करने के बाद वो मद्रास तथा त्रावणकोर गया। यहाँ मिशनरी कार्य करने के उपरांत वो 1545 ई. में मलाया प्रायद्वीप में ईसाई धर्म का प्रचार करने के लिए रवना हो गया। उसने तीन वर्ष तक धर्म प्रचारक (मिशनरी) कार्य किया।

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