सज्जन किसान को अपना परमप्रिय वबकथ बताए जाने पर नारद मुनि ने क्या कहा
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ऐसा नहीं है कि सिर्फ ईश्वर ही मनुष्य को उसके कर्मों की सजा देते हैं या जन्म-मरण निर्धारित करते हैं। कई बार भगवान को अच्छे कार्य करने पर भी शापित होना पड़ा है। यहां ध्यान देनेवाली बात यह है कि भगवान ने अनेक कष्ट सहकर भी स्वयं को मिले इन शाप को सहा है ताकि ये शाप देनेवाले व्यक्तियों का मान बना रहे। ऐसी ही एक घटना नारद मुनि से जुड़ी है, जब उन्होंने श्रीहरि विष्णु को शाप दिया था…
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