Social Sciences, asked by mamtabothra519, 9 months ago

सज्जन पुरुष के सांगिी का म पर क्या प्रभाव पड़िा ै ?​

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Answered by Anonymous
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सज्जन पुरुष किसे कहते हैं?

मनुष्य के अनेक गुणों में सज्जनता का अपना एक महत्व है।कोई व्यक्ति सज्जन है, इसकी पहचान कैसे की जाए? जीवन में प्राय: हम देखते हैं कि हमारे साथ जो व्यक्ति अच्छा व्यवहार करते हैं, हम उनके साथ अच्छा और बुरा व्यवहार करने वालों के साथ बुरा व्यवहार करते हैं, परंतु सज्जन व्यक्ति सभी के साथ एक जैसा अच्छा व्यवहार करते हैं। सज्जन व्यक्तियों में कोई लाग-लपेट या दुराव-छिपाव नहीं होता। संसार में लोगों के भिन्न-भिन्न स्वभाव होते हैं, कुछ के स्वभाव जटिल और कुछ के सरल होते हैं। मन के मनन के अनुसार कर्म करने वालों के स्वभाव में सरलता होती है।सरल स्वभाव वाले व्यक्ति में मृदुलता और सौहार्द होता है। उनमें किसी के प्रति कोई राग-द्वेष नहीं होता। ये लोग जहां भी जाते हैं, अपना अच्छा प्रभाव छोड़ते हैं।

उनके व्यवहार से प्रभावित हुए बिना कोई नहीं रह सकता। ऐसे लोगों की वाणी और व्यवहार में मधुरता होती है। सज्जन व्यक्ति मन, वचन और कर्म से एक ही विचार से कार्य के प्रति सजग रहते हैं। सच्चरित्रता के लिए निव्र्यसनता अत्यंत आवश्यक है।गीता में भगवान कृष्ण कहते हैं कि जो व्यक्ति शास्त्र की मर्यादा का उल्लंघन करता है और मनमानी करता है, वह न तो सफलता प्राप्त कर सकता है और न शांति को और न ही मोक्ष को प्राप्त होता है। ऐसे लोग प्रत्येक परिस्थिति में धीरज रखने वाले, क्षमाशील, मन से पवित्र, क्रोध न करने वाले, अपनी इंद्रियों को नियंत्रण में रखने वाले, योगाभ्यासी और सत्पुरुषों का संग करने वाले होते हैं। सच्चरित्रता और सदाचारिता एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। सदाचारिता का अर्थ है सत्पुरुषों का आचरण। मनु महाराज ने सदाचार के चार लक्षण बताए हैं-वेद और वेदानुकूल शास्त्रों के अनुसार आचरण, सत्पुरुषों के समान व्यवहार और इनका सबसे बड़ा धन यह भावना होती है कि हम अपने लिए जो हितकारी समझते हैं, वही दूसरों के लिए भी हितकारी समझे। ऐसे लोग जहां भी हों, उस स्थान को सुखमय बना देते हैं, यही सज्जनता की सुगंध है। सच तो यह है कि सज्जनता पर ही दुनिया कायम है। जिस मानव धर्म की बात की जाती है, उसकी नींव सज्जनता पर ही टिकी होती है।

Answered by Simrankaur1025
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सज्जन व्यक्ति मन, वचन और कर्म से एक ही विचार से कार्य के प्रति सजग रहते हैं। ... ऐसे लोग प्रत्येक परिस्थिति में धीरज रखने वाले, क्षमाशील, मन से पवित्र, क्रोध न करने वाले, अपनी इंद्रियों को नियंत्रण में रखने वाले, योगाभ्यासी और सत्पुरुषों का संग करने वाले होते हैं। सच्चरित्रता और सदाचारिता एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।

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