सकल निवेश एवं शुद्ध निवेश में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
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निवेश या विनियोग (investment) का सामान्य आशय ऐसे व्ययों से है जो उत्पादन क्षमता में वृद्धि लायें। यह तात्कालिक उपभोग व्यय या ऐसे व्ययों संबंधित नहीं है जो उत्पादन के दौरान समाप्त हो जाए। निवेश शब्द का कई मिलते जुलते अर्थों में अर्थशास्त्र, वित्त तथा व्यापार-प्रबन्धन आदि क्षेत्रों में प्रयोग किया जाता है। यह पद बचत करने और उपभोग में कटौती या देरी के संदर्भ में प्रयुक्त होता है। निवेश के उदाहरण हैं- किसी बैंक में पूंजी जमा करना, या परिसंपत्ति खरीदने जैसे कार्य जो भविष्य में लाभ पाने की दृष्टि से किये जाते हैं। सामान्यतः इसे किसी वर्ष में पूँजी स्टॉक में होने वाली वृद्धि के रूप में परिभाषित करते हैं। संचित निवेश या विनियोग ही पूँजी है।
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सकल निवेश एवं शुद्ध निवेश में अन्तर
Explanation:
सकल निवेश
- सकल निवेश वह निवेश होता है जिसमें पूंजीगत वस्तुओं पर लगे मूल्यह्रास को सम्मिलित किया जाता है।
- सकल निवेश को सकल उत्पाद में जोड़ा जाता है।
- सकल निवेश यदि शुद्ध निवेश में परिवर्तित करना हो, तो इसमें से पूंजीगत वस्तुओं पर लगी मूल्यह्रास को घटाया जाता है।
शुद्ध निवेश
- शुद्ध निवेश वह निवेश होता है जिसमें पूंजीगत वस्तुओं पर लगा मूल्यह्रास सम्मिलित नहीं होता।
- शुद्ध निवेश को सकल उत्पाद में सम्मिलित नहीं किया जाता।
- शुद्ध निवेश को यदि सक्ल निवेश में परिवर्तित करना हो, तो इसमें पूंजीगत वस्तु पर लगा मूल्यह्रास जोड़ दिया जाता है।
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