सकर्मक और अकर्मक क्रिया के उदाहरण
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सकर्मक क्रिया की परिभाषा :-
सकर्मक क्रिया उस प्रकार की क्रिया होती है जिसमें कर्ता द्वारा किया गया कार्य किसी अन्य चीज को प्रभावित करता है, तो वहां पर सकर्मक क्रिया होती है।
या दूसरे शब्दों में जब किसी वाक्य में कर्ता, क्रिया और कर्म तीनों उपस्थित हों, तो वहां सकर्मक क्रिया होती है।
जैसे “राहुल ने केला खाया।”
इस वाक्य में राहुल कर्ता है, खाया क्रिया है, और केला यहां पर कर्म है। लेकिन यह कौन सी क्रिया है सकर्मक या अकर्मक ? क्योंकि इस वाक्य में कर्ता क्रिया और कर्म तीनो उपस्थित हैं तो यहाँ सकर्मक क्रिया है।
चलिए एक उदाहरण और देखते हैं –
श्याम ने मेज की सफाई की। इसको दूसरी तरीके से समझते हैं। इस वाक्य में श्याम जो कि एक ‘कर्ता’ है और ‘सफाई’ क्रिया कर रहा है, लेकिन इसका प्रभाव मेज पर पड़ रहा है इसलिए यहाँ सकर्मक क्रिया होगी।
अकर्मक क्रिया की परिभाषा :-
अकर्मक क्रिया वहां पर होती है जहां कर्ता द्वारा किया गया कार्य किसी अन्य चीज को प्रभावित नहीं करता है।
दूसरे शब्दों में जैसे नाम से ही पता चल रहा है ‘अकर्मक’ मतलब कर्म उपस्थित नहीं है। जब किसी वाक्य में कर्ता हो और क्रिया भी हो लेकिन कर्म ना हो तो वहां पर अकर्मक क्रिया होती है। जैसे–
उसैन बोल्ट दौड़ता है। इस वाक्य में उसैन बोल्ट कर्ता का काम कर रहा है और दौड़ना क्रिया है लेकिन इसका प्रभाव और किसी चीज पर नहीं पड़ रहा है इसलिए यहां पर अकर्मक क्रिया
सकर्मक: मनीषा खाना खाती है
अकर्मक: राकेश दौड़ता है